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सर्दी में गिरने वाली ओस सबसे ज्यादा खतरनाक तुलसी के पौधे के लिए होती है। सर्द हवा और कोहरे की वजह से तुलसी का पौधा मुरझाने लगता है। आमतौर पर तुलसी का पौधा सभी हिंदू परिवार अपने घरों में लगाते हैं, क्योंकि इससे उनकी आस्था जुड़ी होती है। सर्दियों में तुलसी के पौधे में जल देते समय ध्यान रखें कि पानी को हल्का सा गुनगुना कर सकते हैं। हो सके तो पानी में थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाकर उस जल से तुलसी को सींचें। ऐसा करने से तुलसी के पौधों में नमी बनी रहेगी और वह हरा-भरा भी बना रहेगा। सर्दियों के मौसम में शाम के वक्त जब तापमान गिरना शुरू हो और ओस गिर रही हो उस वक्त तुलसी को एक कॉटन के कपड़े से कवर कर दें। इससे उसे ओस से बचाया जा सकता है। आप कपड़े का शेड भी तुलसी के पौधे पर लगा सकते हैं। इससे भी बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं आपको जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा है, उसकी मिट्टी को सूखी घास या भूसे से ढक देना चाहिए, इससे पौधे को गरमाहट मिलती है। अगर तुलसी का पौधा ठंड में रखा हो तो उसे अलग करके घर के अंदर की ओर कर लें। सप्ताह में कम से कम एक बार चाकू से तुलसी के पौधे की जड़ के आस-पास हल्की सी गुणाई कर दें। ऐसा करने से तुलसी के पौधे को बढ़ने के लिए आवश्यक पोषण मिलता रहेगा और वह लंबे समय तक हरा रहेगा। घरेलू टिप्सः पानी में हल्दी घोल कर उसका स्प्रे तैयार कर लें और हर 2 दिन में तुलसी के पत्तों पर इस मिश्रण को स्प्रे करें। ऐसा करने से तुलसी के पत्तों में लगे कीड़े मर जाएंगे, पानी में गौमूत्र मिला कर भी आप इस मिश्रण का छिड़काव कर सकते हैं। गौमूत्र (गौमूत्र के फायदे) में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो तुलसी के पौधे की कोशिकाओं को मजबूती देते हैं, जिससे पेड़ हरा-भरा रहता है। जैसे ही पौधे में मंजरी निकलना शुरू हो वैसे ही उसे हटा दें। मंजरी निकलने से पेड़ की ग्रोथ बंद हो जाती है।
गेंदे के पौधे की सही देखभाल
गेंदे का फूल एक साधारण सा फूल है, जो आपको कही भी दिख सकता है क्योंकि यह आसानी से कहीं भी उगाया जा सकता है। आमतौर पर गेंदे का पौधा किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है और यह फूलों से भरपूर हो जाता है, लेकिन मुख्य रूप से सर्दियों में यह खूबसूरत फूल निकलते हैं और आपके गार्डन को खूबसूरत बना देते हैं। अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है या अच्छी तरह देखभाल नहीं कर रहे है तो यह पौधा फूल देना बंद कर देगा। गेंदे के पौधे की सही तरह देखभाल करने के लिए सबसे जरूरी है कि पौधे को आप जिस गमले या जमीन में लगाएं उसकी मिट्टी की नियमित रूप से खुर्पी से खुदाई करते रहें। इससे आपकी मिट्टी हमेशा उपजाऊ बनी रहेगी और साथ ही ज्यादा से ज्यादा फूल भी निकलेंगे। दरसल मिट्टी की खुदाई करने से पौधों की जड़ों तक सूरज की रोशनी पहुँचती है, जिससे पौधे हरे भरे रहते है। इससे पौधे को अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलती है।जब भी आप गमले में नया गेंदे का पौधा लगाए तब गमले में मिट्टी डालने से पहले थोड़ी बालू इस गमले में नीचे की तरफ बिछाएं। ऐसा करने से पौधे की जड़ें काफी दूर तक फैलती हैं और इससे पौधा पानी को सोख लेता है और पौधे में ओवरवाटरिंग से इसकी जड़ें खराब भी नहीं होती हैं। गेंदे के पौधे को हरा भरा बनाए रखने और इसे फूलों से भरा हुआ बनाने के लिए समय ≤ पर इसकी पिंचिंग करें। पौधे की बढ़ी हुई पत्तियों की कैंची से कटाई करें। इससे पौधे में नई पत्तियां जल्दी निकलती हैं और इसमें ज्यादा से ज्यादा फूल निकलने लगते हैं। पिंचिंग प्रक्रिया के जरिए नयी शाखाएं और ज्यादा फूल निकलते हैं। पिंचिंग यानी कटाई करने के लिए सबसे पहले ऊपर की तरफ बढ़ी हुई पत्तियों को काटें और फिर नीचे की भी अतिरिक्त पत्तियों की कटाई करें। गेंदे के पौधे को हमेशा पूरी धूप में रखे क्योंकि छाया में रखने से यह पौधा जल्दी हीं खराब हो जाता है और इसमें ज्यादा फूल भी नहीं निकल पाते हैं। इस पौधे को हमेशा ऐसी जगह पर रखें जहां कम से कम 5 से 6 घंटे तक तेज धूप लगे। इससे सर्दियों के मौसम में भी ज्यादा से ज्यादा फूल खिलते हैं और पौधा हरा-भरा रहता है। सर्दियों में गेंदे के पौधे में ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती है क्योंकि इसकी शाखाएं खोखली होती हैं और यह ओवर वाटरिंग की वजह से सड़ने लगता है।
सर्दियों में इंडोर गार्डनिंग
पौधों को सर्दी के समय केयर करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि इस मौसम में पौधे मुरझाने लगते हैं। सर्दियों में हवा में बहुत मॉइस्चर हो जाता है इस वजह से इसमें काफी नमी हो जाती है और अगर आप ज्यादा पानी पौधों में डाल देंगे तो पौधों में ओवरवॉटरिंग की वजह से वह धीरे-धीरे सड़ने लगेंगे। इस वजह से आपको सर्दियों में पानी डालने से पहले यह जरूर चेक कर लेना चाहिए कि पौधे की लगभग 2 इंच की मट्टी सही से सूख गई हो। सर्दियों के मौसम में कई पौधे की पत्तियां मुरझा जाती हैं ऐसे में आपको मुरझाये हुए पत्तों को काटकर हटा देना चाहिए। अगर आप सर्दियों के मौसम में पौधों को सर्द हवाओं से बचाने का सोच रहे हैं तो इसके लिए आपको सही पॉट्स का भी चयन करना चाहिए। इसके लिए आपको मजबूत मटेरियल से बने हुए फाइबर ग्लास गमले या मोटे कपड़े के बने हुए ग्रो बैग्स का यूज करना चाहिए।
पत्तियों के जरिए कैसे उगाएं अमरूद का पेड़?
अमरूद के पेड़ अधिकतर कटिंग या फिर ग्राफ्टिंग आदि से उगाए जाते हैं और बहुत कम ऐसा होता है कि उसे बीज से उगाया जाए। क्या आपको पता है कि एक बड़े अमरूद के पेड़ की पत्तियों से भी आप नया पेड़ उगा सकते हैं? चलिए आपको इसका तरीका बताते हैं। इसके लिए आपको ध्यान देना होगा कि आप किस तरह की पत्तियों को चुन रहे हैं। अगर आपने अमरूद के पेड़ की पत्तियां सही नहीं चुनी तो कोई असर नहीं होगा। सबसे पहले पूरी तरह से विकसित पत्तियों को चुनें और एक साथ कई पत्तियों पेड़ से अलग करें। इन्हें अलग करते समय ध्यान रखें कि पत्तियों की स्टेम जुड़ी होनी चाहिए। इसकी स्टेम से ही जड़ें निकलेंगी इसलिए इन्हें अलग ना करें। अब एक गमले को लें जिसके नीचे छेद होता है जैसा आमतौर पर हम पेड़ लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अब इसमें आपको रेत डालनी है। नॉर्मल रेत की जगह रिवर सैंड यानी नदी या तालाब के किनारे मिलने वाली रेत ज्यादा असर करेगी। इसके बाद पत्तियों की स्टेम को रूटिंग हार्मोन में डुबोकर स्टेम के हिस्से से इसे रेत में 1 इंच तक गाड़ दें। इसके बाद पहले दिन इसमें बहुत पानी दें। इसके बाद इसे छांव वाली जगह पर रख दें जहां पर हल्की धूप सुबह आती हो। इसके बाद आप इसमें हफ्ते में 1 बार पानी देते रहें। इस तरीके के बाद आपको 45 दिन का इंतजार करना होगा। इसके बाद आप जब भी पत्तियों को निकालें तो थोड़ा पानी डालकर रेत को गीला कर लें वर्ना तुरंत निकालते समय जड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन पत्तियों को अब आप यूज की हुई चाय की पत्तियों में डाल सकते हैं। इससे ये बहुत आसानी से जर्मिनेट हो सकेंगे। ये तरीका आपको बहुत सारे अमरूद के पेड़ उगाने के लिए मदद कर सकता है। हर पत्ती एक अलग पेड़ में कन्वर्ट की जा सकती है।
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तुलसी के पौधे को सर्दियों में खराब होने से बचाएं
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Tree TakeDec 16, 2024 11:53 AM
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