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अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण ताजे पानी के दलदली जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र व राज्य पक्षी सारस के प्राकृतवास के रूप में प्रसिद्ध पूर्वी उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जनपद में स्थित 2900 हे0 क्षेत्र में विस्तृत बखीरा वन्य जीव विहार को भारत सरकार द्वारा रामसर साइट (संख्या-2465) घोषित किया गया है। बखीरा पक्षी विहार के नाम से जानी जाने वाली इस प्राकृतिक फ्लड प्लेन वेटलैण्ड में तिब्बत, चीन, यूरोप एवं साइबेरिया जैसे दूरस्थ देशों सेन्ट्रल एशियन फ्लाईवे से आने वाली विभिन्न 25 प्रजातियों के पक्षियों, जिसमें से कुछ संकटापन्न या संकटापन्न की स्थिति में आने वाली प्रजातियां सम्मिलित हैं। इनमें इजिप्सियन वल्चर, ग्रेटर स्पाटेड ईगल, कामन पोचार्ड, स्वैम्प फ्रैंकोलीन, ओरिएन्टल डार्टर एवं उल्ली-नेक्ड स्टार्क, लालसर, हीबीसिल, सुरखाब, गोजू, पिन्टेल व मुरहेन आदि तथा स्थानीय पक्षियों में कैमा, वाटरहेन, राइटर, कार्मोरेन्ट, बगुले व सारस आदि महत्वपूर्ण हैं। इस वेटलैण्ड में गोन, पटेरा, पोन्टे, मोगटान, कटिया, लियोफाइटान, काइ शैवाल, फीताधारी, कुमुदनी, कमलिनी, सफेद कमल आदि जलीय पौधों की 119 प्रजातियां एवं जलचरों में विभिन्न 45 प्रकार की मछलियां, कछुए, केंकड़े, भांकुर, पतासी, टेंगन, सर्प आदि की विभिन्न प्रजातियां पायी जाती हैं। इस पक्षी विहार का उपयोग मनोरंजन, पर्यटन एवं स्थानीय लोगों को पौष्टिक खाद्य चक्रण एवं खाद्य आपूर्ति के लिए किया जाता है।
बखीरा वन्य जीव विहार प्रदेश का दसवां वेटलैण्ड है, जिसे रामसर साइट घोषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि अभी तक प्रदेश के अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के दस वेटलैण्ड्स-जनपद हापुड़, बुलन्दशहर, बदायूॅ एवं मुरादाबाद स्थित अपर गंगा रीवर (ब्रिज घाट से नरौरा) (26590.47 हे0), जनपद उन्नाव स्थित नवाबगंज पक्षी विहार (224.6 हे0), जनपद इटावा स्थित सरसई नावर झील (161.27 हे0), जनपद रायबरेली स्थित समसपुर पक्षी विहार (799.37 हे0), जनपद हरदोई स्थित साण्डी पक्षी विहार (308.54 हे0), जनपद मैनपुरी स्थित समान पक्षी विहार (526.3 हे0), जनपद गोण्डा स्थित पार्वती अरगा पक्षी विहार (1084.47 हे0), जनपद आगरा स्थित सूरसरोवर पक्षी विहार (403.09 हे0), जनपद मुजफ्फरनगर/बिजनौर स्थित हैदरपुर वेटलैण्ड एवं इससे लगे गंगा नदी, सोलानी नदी एवं कल्याणपुर वेटलैण्ड के सम्मिलित क्षेत्र (6908.00 हे0) तथा वर्तमान में घोषित बखीरा वन्य जीव विहार/बखीरा पक्षी विहार (2900 हे0) को रामसर साइट घोषित किया जा चुका है। इस प्रकार प्रदेश स्तर पर क्मेपहदंजमक रामसर स्थलों का सम्मिलित क्षेत्रफल 39906.11 हे0 प्रदेश के कुल आर्द्रभूमि क्षेत्रफल 1242530 हे0 (नेशनल वेटलैण्ड के अनुसार) के सापेक्ष 3.212 प्रतिशत अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमि क्षेत्र को रामसर साइट क्मेपहदंजम किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि अब तक देश स्तर पर क्मेपहदंजमक 49 रामसर स्थलों में से प्रदेश स्तर पर 10 रामसर स्थल घोषित किये गये हैं।
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