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बिहार के बगहा में 9 महीनों में 9 लोगों की जान लेने वाले बाघ को शूटर्स ने ढेर कर दिया। उसकी 26 दिन से तलाश हो रही थी। 8 अक्टूबर को उसे गोवर्धन थाना इलाके के बलुआ गांव के खेत में घेरा गया। इसके बाद शूटर्स ने उसे 4 गोलियां मारीं। उधर से बाघ के दहाड़ सुनाई दी। इसके बाद टीम 3 ओर से खेत में दाखिल हुई। इंसानों पर हमला कर रहे बाघ को पकड़ने के लिए 13 सितंबर को पकड़ने का आदेश जारी हुआ था। 5-6 अक्टूबर को दो दिन में बाघ ने दो लोगों को अपना शिकार बनाया था, इसके बाद 7 अक्टूबर को उसे मारने का आदेश जारी किया गया था। 8 अक्टूबर को 7 घंटे के ऑपरेशन के बाद आदमखोर को मार गिराया गया।
बाघ के पैरों के निशान के बाद एक्सपर्ट की टीम को यह यकीन हो गया कि वो गन्ने के खेत में छिपा है। इसके बाद उस खेत की चारों ओर से जाल के माध्यम से घेराबंदी की गई। इसके बाद राइफल से लैस टीम हाथी पर सवार होकर गन्ने के खेत के अंदर गई। वहां पहुंचते ही बाघ पर टीम की नजर गई और उस पर फायरिंग की गई। टीम ने बाघ को 4 गोली मारी। इसमें से दो गोली उसे लगी और बाघ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बाघ ने 9 महीने में 10 लोगों पर हमला किया था। इनमें से 9 की मौत हो गई। 7 अक्टूबर की सुबह बाघ ने मां-बेटे पर हमला कर दिया था। इसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। बीते 3 दिनों में बाघ ने 4 लोगों को मौत के घाट उतारा था। 7 अक्टूबर को ही बाघ को मारने के आदेश जारी हुए थे। बताया जाता है कि मारे गए बाघ के पिता ज्-5 की मुलाकात वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के हड़नाटांड वन क्षेत्र में ज्-34 से हुई। इस बीच ज्-34 मां बन गई। चूंकि पिता ज्-5 की टेरिटरी वन के बाहरी हिस्से की तरफ थी, ऐसे में अपने बच्चों को ज्-5 से बचाने के लिए गन्ने के खेतों में ज्-34 लेकर रहने लगी। इस बीच बच्चे धीरे-धीरे बड़े होने लगे। युवा अवस्था में आने के बाद ज्-34 अपने बच्चे के लिए टेरिटरी बनाकर दूसरे शावक के साथ अलग क्षेत्र में चली गई। इस प्रकार इस शावक का नाम ज्-105 पड़ा था। इसके बाद यह बाघ हड़नाटांड, चिउटाहा में गन्ने के खेतों के साथ-साथ टज्त् डिवीजन के राघिया और गोबरधना वन रेंज में लगातार मूवमेंट कर रहा था। हालांकि, इसने कई दफा जंगल में जाना चाहा, लेकिन पिता के डर से अंदर नहीं गया। इसके बाद इसने बाहर ही भोजन तलाश करने लगा। इसी बीच इसने आदमी को पहला शिकार बनाया। इसके बाद एक के बाद एक आदमी का शिकार शुरू कर दिया। बीते एक महीने से बाघ ने बगहा में आतंक मचा रखा था। इंसानों पर हमला कर रहे बाघ को पकड़ने के लिए 13 सितंबर को पकड़ने का आदेश जारी हुआ था। 5-6 अक्टूबर को दो दिन में बाघ ने दो लोगों को अपना शिकार बनाया था, इसके बाद 7 अक्टूबर को उसे मारने का आदेश जारी किया गया था। 7 घंटे के ऑपरेशन के बाद आदमखोर को मार गिराया गया। आदमखोर बाघ की मौत के बाद उसका नामोनिशान मिटा दिया जाता है। इसके लिए जो एसओपी बनाई गई है, उसमें बाघ का पहले पोस्ट मार्टम कराया जाता है। इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई होती है। पोस्ट मार्टम के लिए पूरी टीम गठित की जाती है। फिर बाघ को अफसरों की मौजूदगी में जलाया जाता है। आग के हवाले तब तक किया जाता है जब तक उसका पूरा नामोनिशान नहीं मिट जाता है। इसके अलावा फील्ड निदेशक की उपस्थिति या ऑथराइजड अफसर (जो उप वन संरक्षक के पद से नीचे का न हो) की मौजूदगी में ही अंतिम संस्कार किया जाता है। बाघ के शव को जलाने के दौरान पूरी वीडियोग्राफी कराई जाती है। इस दौरान सामाजिक संस्था का प्रतिनिधित्व करने वालों को भी रखा जाता है। फोटोग्राफ और वीडियोग्राफी के साथ साइट छोड़ने से पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि बाघ का शव उसकी हड्डियां पूरी तरह से जल चुकी है।
वन मंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के कार्यों की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डॉ अरूण कुमार सक्सेना तथा राज्य मंत्री केपी मलिक ने उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सक्सेना ने जैव संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करने, जैव संसाधनों के वाणिज्यिक प्रयोग से प्राप्त लाभ का अंश बोर्ड के कोष में जमा करने हेतु प्रभावी अनुश्रवण के निर्देश दिए। वन मंत्री ने कहा कि जैव विविधता प्रबन्ध समितियों को सुदृढ़ व सक्रिय किया जाये। जैव संसाधनों का वाणिज्यिक उपयोग करने वाले व्यापारियों व विनिर्माताओं से एबीएस की निर्धारित धनराशि जमा कराने के सार्थक प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि फील्ड स्तर पर प्रभागीय वनाधिकारियों को अधिनियम के प्राविधानों की समुचित जानकारी होनी चाहिए। जनपद स्तर पर जैव विविधता संरक्षण व संवर्धन हेतु जन सामान्य, विशेषकर विद्यार्थियों, कृषकों, जैव संसाधन उत्पादकों एवं व्यापारियों व विनिर्माताओं को अधिनियम, नियम व विनियम के प्राविधानों से परिचित कराया जाये। डॉ सक्सेना ने वन विभाग के प्रस्तावित कार्यालय भवन में बोर्ड कार्यालय स्थापित करने हेतु कार्यालय कक्षों का प्राविधान करने का निर्देश दिया। मंत्री जी ने जीवन को बनाए व बचाए रखने में जैव विविधता की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत जैव विविधता संरक्षण व संवर्धन हेतु समस्त लाईन डिपार्टमेण्ट-कृषि, मत्स्य, पशुधन, उद्यान एवं वन विभाग को समेकित प्रयास किए जाने, पंचायतों का ऑनलाईन सम्मेलन आयोजित करने एवं उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रयास करने का निर्देश दिया। केपी मलिक ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण व संवर्धन हेतु जन सहयोग व जन सहभागिता प्राप्त करने हेतु व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाए। जैव संसाधन उत्पादकांे, संरक्षणकर्ताओं एवं आजीविका हेतु इन संसाधनों पर निर्भर समुदायों को जैव संसाधनों के वैज्ञानिक विदोहन एवं जैव विविधता संरक्षण व जैव संसाधनों का संवहनीय (सस्टेनेबल) उपयोग के सम्बन्ध में समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने विकासखण्ड स्तर पर आहूत बैठक मंे खण्ड विकास समिति के सदस्यों, ग्राम प्रधानों व स्थानीय निवासियों को जैव विविधता प्रबन्ध समितियों व जैव संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग के सम्बन्ध में नियमित रूप से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड बी प्रभाकर ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए जैव विविधता अधिनियम प्रख्यापन की पृष्ठभूमि, जैव विविधता का महत्व व भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बोर्ड गठन के उपरान्त जैव विविधता संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख किया। प्रभाकर ने उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने एवं बोर्ड कार्यालय में नियमित पद सृजित करने का अनुरोध किया।
वन्य प्राणि सप्ताह (01-07 अक्टूबर) 2022
’’वन्य प्राणि सप्ताह (01-07 अक्टूबर) 2022’’ का राज्य स्तरीय समारोह का समापन डा अरूण कुमार, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उ0प्र0 द्वारा नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ स्थित सारस प्रेक्षागृह में किया गया। इस अवसर पर ममता संजीव दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उत्तर प्रदेश, केपी दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उत्तर प्रदेश, सुधीर कुमार शर्मा, प्रबन्ध निदेषक, उत्तर प्रदेश वन निगम, संजय श्रीवास्तव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, सामाजिक एवं कृशि वानिकी, उप्र, अनुपम गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जैव विविधता, श्री सुनील चैधरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, टाइगर प्रोजेक्ट, श्री अषोक कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मानव संसाधन विकास, रेणु सिंह, मुख्य वन संरक्षक, मध्य क्षेत्र, लखनऊ, पीपी सिंह, मुख्य वन संरक्षक, प्रचार-प्रसार, उप्र, नीरज कुमार, मुख्य वन संरक्षक, ईको विकास, उप्र, प्रमोद कुमार गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबन्ध, उप्र, तौफीक अहमद, उप मुख्य वन जीव प्रतिपालक, उप्र लखनऊ, के इलांगो, मुख्य वन संरक्षक, परियोजना, उप्र, राम कुमार, महाप्रबन्धक, तेन्दुपत्ता, उप्र, डा रवि कुमार सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी, अवध वन प्रभाग, लखनऊ, वीके मिश्र, निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ, डा उत्कर्श ुशक्ला, उप निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ, आरके नेगी, क्षेत्रीय वन अधिकारी, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के साथ-साथ वन विभाग एवं प्राणि उद्यान की अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहें। सर्वप्रथम वीके मिश्र, निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के नेतृत्व में मुख्य अतिथि के साथ अन्य अतिथियों द्वारा कैण्टीन के पास लगे विभिन्न स्टालों जैसे- टैटू एवं फेस पेन्टिंग, बेस्ट आउट आफ वेस्ट, कार्टूनिस्ट रामबाबू द्वारा कार्टून बनाना, स्मेल एण्ड फील द अर्थ, क्ले मेकिंग, सीड मेकिंग, कतरन से जंगल बनाना, इको एनिमल क्राफ्ट तथा सर्प जागरूकता हेतु स्टाॅल का निरीक्षण किया गया तत्पष्चात् मुख्य अतिथि द्वारा बैम्बू शाॅप तथा प्रधान मंत्री वन धन योजना के अन्तर्गत उत्पादों की सोविनियर शाॅप का शुभारम्भ किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा प्राणि उद्यान के हिप्पो पार्क में एडवेंचर-जिपलाइन का निरीक्षण किया गया। वीके मिश्र ंने कहा कि प्राणि उद्यान के पक्षियों कि पाॅकिट बुक प्राणि उद्यान के 101वें स्थापना र्वष के अवसर पर बच्चों में बांटी जायेंगी साथ ही निदेषक महोदय द्वारा प्राणि उद्यान में विभिन्न प्रकार के देसी-विदेेशी वन्य जीवों को प्राणि उद्यान में लाने हेतु योजना का विस्तृत विवरण दिया गया। मुख्य अतिथि डाॅ अरूण कुमार ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम वन्य प्राणि सप्ताह-2022 के समापन के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि विभाग के समस्त अधिकारी-कर्मचारी वन्य जीवों के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं। हिन्दु धर्म में वृक्षों, नदियों, तालाबों, पृथ्वी के साथ-साथ वन्य जीवों की भी पूजा की जाती है क्योंकि भगवान शिव नन्दी वाहन के साथ सर्प धारण करते है तथा माता गौरी सिंह पर सवार रहती हैं इसलिए हमारे धर्म में वृक्षों तथा वन्य जीवोें के लिए विषेश सम्मान है। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि ’’धरती माँ की संतानों में हमारी मानव जाति सबसे विकसित एवं बुद्धिमान जीव जाति है। इसलिए मानव जाति का नैतिक दायित्व है कि वह कम विकसित वन्य जीवों को संरक्षण प्रदान करे’’। रानीपुर टाइगर रिजर्व जल्द शुरू होने वाला है तथा अमानगढ़ टाइगर रिजर्व भी जल्द ही शुरू होगा। वन वासियों को सामान बेचने के लिए प्राणि उद्यान लखनऊ ने जगह उपलब्ध करवाई है, इसके लिए प्राणि उद्यान प्रशासन बधाई का पात्र है। उन्होंने वन्य प्राणि सप्ताह- 2022 में पूरे सप्ताह विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले बच्चों को बधाई दी तथा प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र तथा ट्राफी देकर सम्मानित किया।
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