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खाने के शौकीनों के लिए सर्दी का मौसम बेहतरीन है। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बाजार में तरह-तरह की सब्जियां दिखने लगती हैं। इनमें कई तरह के साग और हरी सब्जियां भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर, मिठाई के तौर पर खाए जाने वाले लड्डू, पिन्नी, गुड़-मूंगफली, गजक, रेवड़ी आदि खाद्य-पदार्थों की ढेरों वैराइटियां भी मिलने लगती हैं। इस मौसम में पाचन दुरुस्त रहता है साथ ही खाना आसानी से पच भी जाता है। इस मौसम में भूख ज्यादा लगती है इसलिए डाइट में ऐसी चीजों का सेवन करना जरूरी है जिनसे बॉडी गर्म और हेल्दी रहे। इस मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और कई तरह की मौसमी बीमारियां आपको परेशान करने लगती है। सर्दी में सुस्ती और आलस बेहद हावी होता है इसलिए डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिनसे मौसमी बीमारियों से बचा जा सके साथ ही बॉडी को भी गर्म रखा जा सके। सर्दी में फल और सब्जियों का सेवन अच्छी सेहत के लिए उपयोगी है। डाइट में कुछ ऐसे फलों को शामिल करें जिनसे आपकी बॉडी गर्म रहे साथ ही इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग रहे। आइए हम आपको सर्दियों में फायदेमंद कुछ फ्रूट्स और सब्जियों के बारे में बताते हैं जिनसे आपकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रहेगी, साथ ही आपकी बॉडी भी गर्म रहेगी।
सर्दी में अदरक का करें सेवन। अदरक की तासीर बेहद गर्म होती है जो बॉडी को गर्म रखती है। एंटीआॅक्सीडेंट गुणों से भरपूर अदरक बढ़ते वजन को कंट्रोल करेगी साथ ही सर्दी में होने वाली बीमारियां जैसे सर्दी-जुकाम से भी हिफाजत करेगी। आप सर्दी में अदरक का सेवन सब्जी, चाय और काढ़ा बनाकर कर सकते हैं। सर्दियों में खजूर का सेवन सेहत को बेहद फायदा पहुंचाता है। गर्म तासीर की खजूर बॉडी को गर्म रखती है। खजूर में भारी मात्रा में पोटैशियम, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हड्डियों को मजबूत करते हैं। खजूर बॉडी को गर्म रखती है, साथ ही शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। लहसुन की तासीर बहुत गर्म होती है जो सर्दियों में बॉडी को गर्म रखने में मदद करता है। लहसुन का सेवन आप सब्जियों में खाने पकाने के लिए कर सकते हैं। सुबह खाली पेट केवल शहद के साथ खाएं तो इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा। कीवी का स्वाद दूसरों फलों की अपेक्षा अलग होता है। यह विटामिन सी वाले फल हैं, इसका स्वाद हल्का खट्टा होता है, क्योंकि यह विटामिन- सी के गुणों से भरपूर होता है। कीवी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को स्वस्थ रखकर बीमारियों को दूर करते हैं। आपको बता दें कि 100 ग्राम कीवी में 154ः विटामिन सी होता है, जो विटामिन के स्रोत नींबू और संतरे से कहीं ज्यादा होता है। इसके साथ ही इसमें शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए सबसे जरूरी विटामिन ए भी होता है। कीवी में विटामिन सी की मौजूदगी की वजह से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है और इससे शरीर में होने वाले इंफेक्शन्स से भी बचा जा सकता है। अनार एक ऐसा औषधीय फल है, जो कई बीमारियों को जड़ से मिटाने में कारगर होता है। अनार में कैल्शियम के अलावा मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम और जिंक की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। साथ ही यह विटामिन सी का भी काफी अच्छा स्रोत है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी पाया जाता है। सर्दियों में रोज एक अनार के सेवन से आपको कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अनार के दानों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। अनार के दाने इन्हीं गुणों के कारण विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया व वायरस से लड़ पाते हैं और कई बीमारियों से भी बचाते हैं। सेब किसी भी मौसम के लिए अच्छा फल माना जाता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन और आयरन के स्तर को बढ़ाता है और रक्त की कमी को भी दूर करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम में सुधार लाता है। नियमित तौर पर सेब का सेवन करने से शरीर में बैक्टीरिया और जर्म्स से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। सेब में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर के लिए आवश्यक मिनरल्स और पोटैशियम तत्वों का बेहतरीन स्रोत भी है। अनानास खट्टा-मीठा होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। अनानास में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। इससे खांसी-जुकाम समेत कई अन्य संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। अनानास में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम भी करता है। सर्दियों में मिलने वाला संतरा अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। विटामिन सी से भरपूर यह फल कई गुणों से युक्त है। इसके नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे वायरल संक्रमण से होने वाले खांसी-जुकाम, फ्लू, वायरल जैसे रोगों से बचाव होता है।
सर्दियों को साग का मौसम भी कहा जाता है। इस मौसम के आते ही बाजार में पालक के साथ कई तरह के साग नजर आने लगते हैं, जैसे- पालक, सोया व चोलाई का साग। सर्दियों में इन्हें खाने का अलग ही आनंद और फायदे हैं। पालक में कैल्शियम, आयरन तथा विटामिन ए, बी, सी जैसे खनिज लवण भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा चोलाई का साग शरीर में खून की कमी को भी दूर करता है। सर्दियों में मेवों के साथ गाजर खाने का अलग ही मजा होता है। गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसे आप सलाद, सब्जी या जूस के तौर पर खा सकते हैं। गाजर में मौजूद विटामिन ए शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। गाजर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल नहीं बढ़ने देता है। रोजाना गाजर का जूस पीने से सर्दी व जुकाम से बचाव होता है। चुकंदर खाने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है। जिन लोगों के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होती है, उन्हें तो खासतौर पर रोज चुकंदर का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा चुकंदर में कई विटामिन भी भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर में विटामिन ए, बी, बी 1, बी 2, बी 6 व सी की जरूरत पूरी हो जाती है। साथ ही शरीर को काफी ऊर्जा भी मिलती है। मेथी में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता है। आप चाहें तो घर पर आलू के साथ सोया-मेथी की सब्जी भी बना सकते हैं। इससे मेथी का स्वाद दोगुना हो जाता है। सर्दियों में शरीर को अंदरूनी गर्माहट पहुंचाने के लिए बंदगोभी का सेवन भी काफी फायदेमंद रहता है। बंदगोभी को पत्ता गोभी भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, वसा, नमी, फाइबर तथा कार्बोहाइड्रेट भी अच्छी मात्रा में होता है। इसमें विटामिन सी और विटामिन बी के गुण भी पाए जाते हैं। यह मांसपेशियों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने में भी काफी कारगर सिद्ध होती है।
वैसे तो हम पूरे साल किसी न किसी रूप में ड्राई फ्रूट्स का सेवन करते ही रहते हैं, लेकिन सर्दियों में इन्हें खाने के लाभ कई गुना तक बढ़ जाते हैं। काजू में मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, कॉपर, मैंगनीज और जिंक की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसके सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है। बच्चों को सर्दियों में काजू का खासतौर पर सेवन करना चाहिए। काजू में कैलोरी भी ज्यादा होती है और ठंड में शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है। सर्दियों के मौसम में अखरोट खाना भी बेहद फायदेमंद साबित होता है। दरअसल अखरोट की तासीर गर्म होती है, इसलिए ठंड में रोजाना 4-5 अखरोट खाने से शरीर को अंदरूनी गर्माहट मिलती है। साथ ही अखरोट में भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। डाइट में रोजाना अखरोट शामिल करने से आपकी हड्डियां भी मजबूत होती हैं। सर्दियों के मौसम में शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने में बादाम बहुत फायदेमंद होता है। स्वाद में मीठी सी किशमिश वैसे तो हर मौसम में खाई जाती है, लेकिन सर्दियों के मौसम में किशमिश का सेवन करने से कब्ज, एनीमिया, दुबलापन और शारीरिक कमजोरी जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसका सेवन करने से आपकी आंखें, दांत और हड्डियां भी मजबूत बनी रहती हैं। दूसरे ड्राई फ्रूट्स की तुलना में पिस्ता के अंदर अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कैलोरी की मात्रा भी काजू, बादाम और अखरोट से कम होती है। पिस्ता में भरपूर आयरन होता है, जो खून की कमी को दूर करता है। इसके अलावा पिस्ता में मौजूद विटामिन बी 6 आपकी बॉडी की इम्युनिटी को बढ़ाता है।
इन सबके अलावा भी खाने की कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनके सेवन से शरीर को गर्माहट मिलती है। हम आपको यहां ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं। मूंगफली को सस्ता पिस्ता भी कहा जाता है। सर्दियों में इसे खाने का मजा दोगुना हो जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी है। इसमें मौजूद विटामिन्स, जिंक, आयरन शरीर के लिए काफी फायदेमंद हैं। गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दी के दिनों में इसका सेवन हमारे शरीर को गर्माहट देने में बेहद कारगर होता है। सर्दी में गुड़ का रोजाना सेवन सर्दी, खांसी और जुकाम से भी बचाता है।
सर्दियों में तुलसी कीे इस तरह करें देखभाल
सर्दियों के आते ही तुलसी का पौधा खराब होना शुरू हो जाता है। अमूमन लोगों की शिकायत होती है कि इस मौसम में तुलसी के पत्ते काले हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं। सर्दी में गिरने वाली ओस सबसे ज्यादा खतरनाक तुलसी के पौधे के लिए होती है। जिस गमले में आपने तुलसी का पौधा लगाया है, उसमें पानी के निकलने का सिस्टम सही होना चाहिए नहीं तो पौधे की जड़ें गल जाएंगी। इसके लिए आपको नदी की बालू लेने की जगह मिट्टी के साथ मौरंग की एक लेयर गमले में डालनी चाहिए। गमले में पहले मौरंग की लेयर डालें और बाद में मिट्टी की। इस बात का भी ध्यान रखें कि मिट्टी और मौरंग का अनुपान 50-50 होना चाहिए।‘ यदि आप इन अनुपात का ध्यान रखते हैं तो तुलसी के पौधे की जड़ें पानी की अधिकता के कारण गलेंगी नहीं। साथ ही तुलसी में जैविक खाद और उपजाउ मिट्टी का प्रयोग करें। इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होगी और उसे उचित पोषण मिलता रहेगा। तुलसी के पौधे को नमी चाहिए होती है, मगर अधिक नमी के कारण वह खराब हो सकता है। इसलिए रोज जल चढ़ाने की जगह जब पौधे की मिट्टी सूखने लगे तब जल चढ़ाएं। इसके साथ ही मिट्टी की गुड़ाई भी कर दें ताकि तुलसी के पौधे को उचित ऑक्सीजन मिलती रहे। सर्दियों के मौसम में शाम के वक्त जब तापमान गिरना शुरू हो और ओस गिर रही हो उस वक्त तुलसी को एक कॉटन के कपड़े से कवर कर दें। इससे उसे ओस से बचाया जा सकता है। आप कपड़े का शेड भी तुलसी के पौधे पर लगा सकते हैं। इससे भी बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं आपको जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा है, उसकी मिट्टी को सूखी घास या भूसे से ढक देना चाहिए, इससे पौधे को गरमाहट मिलती है। पानी में हल्दी घोल कर उसका स्प्रे तैयार कर लें और हर 2 दिन में तुलसी के पत्तों पर इस मिश्रण को स्प्रे करें। ऐसा करने से तुलसी के पत्तों में लगे कीड़े मर जाएंगे। पानी में गौमूत्र मिला कर भी आप इस मिश्रण का छिड़काव कर सकते हैं। गौमूत्र (गौमूत्र के फायदे) में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो तुलसी के पौधे की कोशिकाओं को मजबूती देते हैं, जिससे पेड़ हरा-भरा रहता है। जैसे ही पौधे में मंजरी निकलना शुरू हो वैसे ही उसे हटा दें। मंजरी निकलने से पेड़ की ग्रोथ बंद हो जाती है।
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