A First-Of-Its-Kind Magazine On Environment Which Is For Nature, Of Nature, By Us (RNI No.: UPBIL/2016/66220)

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पालतू बिल्लियों से प्रेरित होकर बेजुबानो की सेवा तक का मेरा सफर

TreeTake is a monthly bilingual colour magazine on environment that is fully committed to serving Mother Nature with well researched, interactive and engaging articles and lots of interesting info.

पालतू बिल्लियों से प्रेरित होकर बेजुबानो की सेवा तक का मेरा सफर

धीरे-धीरे उन्होंने मेरा जीवन को ही बदल दिया, भावनाओं, सहानुभूति और दयालुता के प्रति नया नजरिया प्राप्त हुआ...

पालतू बिल्लियों से प्रेरित होकर बेजुबानो की सेवा तक का मेरा सफर

Parenting A Pet
पुनीता शर्मा अब एक समर्पित पशु कर्मी भी हैं 
करीब सात साल पहले, मेरे जीवन में दो प्यारे बिल्लियों के बच्चों का  आगमन हुआ, जिनका नाम जिंजर (उस समय उम्र 3 -4  महीना ) और ब्लश है। जिंजर एक प्रजाति की बिल्ली थी जिसे किसी ने रेसक्यूएड किया था जिसको  हमने अपना  लिया और ब्लश एक 2 महीने की बच्ची बिल्ली थी। मैंने उन दोनों को एक साथ गोद में ले लिया। मैं पहले अपने तरीके से एक बेहतरीन जिंदगी जी रही  थी, पर जिंजर और ब्लश ने मेरे जीवन को एक नई रोशनी से भर दिया। अब मेने भी दूसरे सड़क के जानवरों को खिलाना शुरू किया,  लेकिन मैं उन्हें छू नहीं पाती थी क्योंकि मैं अभ्यस्त नहीं थी, पर जिंजर और ब्लश ने मुझे जानना शुरू किया और हमेशा मेरे से लिपटने लगे और मेरा ध्यान मांगने लगे। वे मेरे साथ मेरे बिस्तर पर सोने लगे, कभी तकिये के नीचे, कभी मेरे हाथ के आसपास या मेरे पैर के पास। धीरे-धीरे उन्होंने मेरा जीवन को ही बदल दिया, भावनाओं, सहानुभूति और दयालुता के प्रति नया नजरिया प्राप्त हुआ। वे कभी मुझे अकेला महसूस नहीं कराते थे, हमेशा मेरे पास बैठे रहते थे, मेरे साथ समर्थन और सहयोग करते रहते थे। जब मेरी छोटी बेटी अपनी पढ़ाई के लिए बाहर गई तो मैं सोचने लगी कि मैं उसके बिना कैसे रहूँगी लेकिन जिंजर और ब्लश ने मुझे समर्थन दिया और हमेशा मुझे आराम दिया और कभी अकेला महसूस नहीं कराया। अब इस सफर मे मई 2022 से एक और सदस्य (बिल्ली) को मेरे घर मे व मेरे जीवन मे जगह मिल गयी है जो अब करींब दो वर्ष को हो जायेगा। धीरे-धीरे मेरा जीवन बदलने लगा और सभी जानवरों के प्रति एक सहानभूति, लगाव  व बेजुबानो के प्रति कर्त्तव्य का बोध हुआ। मैं सन 2019 से पूरी तरह से बेजुबानो के हक के लिए जागरूप हो गयी और  मैंने जानवरों के अधिकारों के आंदोलन की गहरी रुचि और सड़क के जानवरों की कल्याण की दिशा में दिलचस्पी बढ़ाई। और इससे  मुझे अपने ओजस्वनी  फाउंडेशन संगठन को खोलने का मार्ग प्रदान हुआ। अब इस जानवरों के अधिकारों के लिए मैनें अपना कार्यक्षेत्र  सीडब्लूजी  के अलावा  पूरे पूर्वी दिल्ली, गजियाबाद व अन्य समीपवर्ती क्षेत्रों में भी कर लिया है। इसको व्यापक सहयोग हेतु मै पीएफ से जुडी, एडब्लूबीआई की सदस्य्ता ली व उत्तरी दिल्ली के जिला कार्यालय से मयूर विहार व समीपवर्ती क्षेत्रों के लिए कमिटी के सदस्य भी  मनोनीत की गयी हूँ ।  
      
 

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