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प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वृक्षारोपण अभियान को वृहद स्तर पर आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके क्रम में वन विभाग मुख्यालय स्थित पारिजात कक्ष में विभिन्न विभागों के मंत्रीगणों ने पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024 की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। बैठक में विभागीय अधिकारियों को मंत्रिगणों ने पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन के दृष्टिगत लोगों को जागरूक करने तथा वृहद वृक्षारोपण में बढ़ चढ़कर सहयोग करने हेतु प्रेरित करने के निर्देश दिए।
वर्षाकाल के इस वर्ष प्रदेश के 26 शासकीय विभागों तथा जन सामान्य के सहयोग से वन भूमि, सामुदायिक भूमि व अन्य राजकीय भूमि, कृषि एवं अन्य निजी भूमि पर वृहद स्तर पर रोपण किये जाने की योजना बनाई गयी है। इससे प्रदेश की हरित आवरण में वृद्धि, पर्याप्त वर्षा जल संचयन, कार्बन अवशोषण, शुद्ध हवा, उपजाऊ मिट्टी व स्वच्छ जल की प्राप्ति एवं प्रदेश के कृषकों की आय में वृद्धि होगी। वृक्षारोपण अभियान 2024 में प्रदेश का पौधरोपण लक्ष्य 35 करोड़ है जिसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का लक्ष्य 14 करोड़ तथा अन्य 25 विभागों का लक्ष्य 21 करोड़ है।
उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओं जन अभियान-2024 के तहत प्रदेश के सभी जनपदों के प्रभागीय वनाधिकारी एवं चीफ कंजरवेटर के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारी समीक्षा बैठक कर आगामी होने वाले वृक्षारोपण के पूर्व पौधों तथा चिन्हित स्थानों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भारत सरकार के निर्देश पर ‘‘एक पौधा मां के नाम‘‘ लगाने हेतु आम जनता से अपील की। डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि वर्षाकाल में प्रदेश में जन सामान्य के सहयोग से वन भूमि, सामुदायिक भूमि व अन्य राजकीय भूमि, कृषि एवं अन्य निजी भूमि पर वृहद स्तर पर रोपण किया जाये। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की हरित आवरण में वृद्धि, पर्याप्त वर्षा जल संचयनए कार्बन अवशोषण, शुद्ध हवा, उपजाऊ मिट्टी व स्वच्छ जल की प्राप्ति एवं प्रदेश के कृषकों की आय में वृद्धि होगी। डा0 सक्सेना ने स्पष्ट निर्देश दिया कि वृक्षारोपण अभियान 2024 में प्रदेश का पौधारोपण लक्ष्य 35 करोड़ है जिसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का लक्ष्य 14 करोड़ तथा अन्य 25 विभागों का लक्ष्य 21 करोड़ है, जिसे प्रत्येक दशा में पूर्ण करना संबंधित विभागां की जिम्मेदारी है। डा0 सक्सेना ने कहा कि पौधे लगाने के साथ ही उसे सुरक्षित रखना भी हम सबकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जो जन सहभागिता से ही संभव है। साथ ही उन्होंने पांच दिन के अंदर पिछले वर्ष में हुए वृक्षारोपण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराने हेतु संबंधित अधिकारियों तथा संस्थाओं के प्रमुखों को निर्देश दिए।
डा0 सक्सेना ने बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वृक्षारोपण के पूर्व उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण जन अभियान 2024 को वृहद स्तर पर सफल बनाने के लिए पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा में टेक्नोलाजी का भी प्रयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि पौधरोपण के उपरान्त उसे ट्री-गार्ड लगाकर सुरक्षित किया जाए तथा स्कूलों-कॉलेजों व अन्य जगहों पर पौधरोपण से पूर्व बाउंड्री इत्यादि की पूर्ण तैयारी की जाए। उन्होंने पौधों को नियमित पानी देने हेतु स्थायी-अस्थायी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को तीन-तीन माह पर भौतिक रूप से निरक्षण कर पौधों की वास्ततिक जानकारी से उन्हें अवगत कराने का निर्देशित किया।
वन मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा स्वयं समय-समय पर पौधरोपण के स्थानों का निरीक्षण किया जाता रहेगा तथा कमियां पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर पौधों का रोपण किया जायेगा उसकी जानकारी आम जनता को अवश्य हो ताकि वो भी उसकी देखरेख कर सके। डा0 सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के अन्दर शहरों में स्थित सभी पार्कों में पौधे लगाते हुए स्थानीय लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने हेतु उनके व उनके परिवार के सदस्यों के नाम से पौधों को रोपित किया जाये, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित हो। साथ ही उन्होंने कहा कि मन्दिरों, धार्मिक स्थानों तथा स्कूल-कॉलेजों इत्यादि के परिसरों में पौधरोपण का कार्यक्रम जरूर किया जाये।
डा0 सक्सेना ने मीडिया बन्धुओं को परिवार सहित विशेष रूप से आमन्त्रित कर पौधा लगाने हेतु आग्रह करने का निर्देश प्रदेश के सभी वनाधिकारियों को दिया। उन्होंने मुख्य पर्यटन स्थलों के वनाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने जनपदों में पर्यटन के दृष्टिगत विशेष भूमि को चिन्हित करते हुए व सड़कों एवं मिडलाइन्स स्थलों पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में छायादार पौधों के साथ आयुर्वेदिक पौधरोपण को प्राथमिकता दें। उनके द्वारा चिन्हित सड़कों तथा मिडलाइन्स का स्वयं निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने अतिविशिष्टध्विशिष्ट महानुभाओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु चयनित जनपदों में पूर्ण तैयारी करने के निर्देश दिए।
वन मंत्री ने कहा कि एन0एच0आई0, पी0डब्ल्यू0डी0, नगर विकास तथा विकास प्राधिकरण अपनी भूमि में अवश्य पौधे रोपित करें तथा सड़क के किनारे एन0एच0आई0 तथा पी0डब्ल्यू0डी0 वन विभाग के सहयोग से पौधों को लगायें। उन्होंने कहा कि स्कूल तथा डिग्री कॉलेज के बच्चों को फलदार पौधे वन विभाग की तरफ से वितरित किये जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग लेकर भूमि चिन्हित करते हुए पौधरोपण का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किया जाये।
डा0 सक्सेना ने तैयारी समीक्षा के दौरान देवरिया, फतेहपुर, झांसी, जालौन तथा बिजनौर की स्थिति संतोषजनक न पाये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए तीन दिनों के अन्दर अपने समक्ष एक्शन प्लान को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशिष्ट वृक्षारोपण, विरासत वृक्ष वाटिका, वेटलैंड संरक्षण वन तथा मित्रवन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि रोपित पौधों की जीवितता का सतत अनुश्रवण किया जाये तथा जनसामान्य विशेषकर कृषकों के मध्य पौधारोपण से कार्बन अवशोषण तथा कार्बन क्रेडिट अर्जन से आय में वृद्धि का वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाये। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन के दुषपरिणामों से बचाने तथा देश की खुशहाली के लिए वर्तमान में अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा। जिसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
सूक्ष्म, जल, लघु एवं मध्यम, उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग एवं रेशम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा कि रोपित पौधों का स्वामित्व सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा लिया जाये, जिससे कि भावनात्मक सम्बन्ध स्थापित हो। पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अभियान की सफलता हेतु अधिक से अधिक ध्यान रोपित पौधों की सुरक्षा व्यवस्था व सिंचाई आदि पर दी जाये। उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि पौधरोपण अभियान के दौरान सड़क किनारे की खाली जगहों, सार्वजनिक स्थलों, स्मारकों, ऐतिहासिक स्थलों के आसपास ज्यादा से ज्यादा औषधीय, फलदार एवं छायादार प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाये तथा रोपित पौधों को ट्री गार्ड द्वारा संरक्षित भी किया जाये।
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान में अधिक से अधिक जनसहभागिता कराकर पौधों के प्रति लगाव और संरक्षण की भावना को बढ़ाना है। इससे अभियान के दौरान रोपित किये गये पौधों के संरक्षण में बल मिलेगा। कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अभियान की सफलता हेतु विभिन्न क्रियाकलापों का समुचित नियोजन के साथ जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन को प्राथमिकता दी जाये। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि पौधों को लगाने के साथ ही उसे जीवित रखने का लक्ष्य भी तय करना संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पौधों को मानव से भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लक्ष्य रखें। तिवारी ने कहा कि पौधों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें बाउंड्री तथा ट्री गार्ड के अंदर अवश्य लगायें। उन्होंने कहा मनुष्यों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में वृक्ष लगाना अति आवश्यक है। अपर मुख्य सचिव वन श्री मनोज सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग-12.43 लाख, उच्च शिक्षा विभाग-18.54 लाख, माध्यमिक शिक्षा विभाग- 7.63 लाख, प्राविधिक शिक्षा विभाग- 5.06 लाख, रेल विभाग- 12.66 लाख तथा रक्षा विभाग को 4.95 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष वेटलैण्ड संरक्षण वन, विरासत वृक्ष वाटिका, मित्र वन, बाल पौध रोपण भण्डारा थीम के तहत 35 करोड़ पौधों का रोपण किया जायेगा। सिंह ने बताया कि वन विभाग, उद्यान विभाग, रेशम विभाग तथा निजी पौधशालाओं में कुल 54.20 करोड़ पौध उपलब्ध है। पौधों में मुख्य रूप से नीम, सहजन, आंवला, इमली, अर्जुन, जामुन, बेल, देशी आम, महुआ, सागौन, शीशम, गुटेल, बांस, पीपल, पाकड़, बरगद आदि हैं तथा ग्राफ्टेड पौध में आम, अमरूद, नींबू व मालाबार नीम के पौधों को उगाया गया है।
वृक्षारोपण 2024 की विशिष्ट गतिविधियों में शक्ति वन, बाल वन, युवा वन के साथ ही कुल देवता वन की स्थापना तथा मंदिरों में पौधों का प्रसाद के रूप में वितरण होगा। इसके साथ ही नदियों के कैचमेंट में पवित्र धारा वृक्षारोपण तथा रक्षाबंधन के अवसर पर भाई-बहन द्वारा वृक्षारोपण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त विरासत वृक्ष प्रजातियों के पौधों की रथ-यात्रा का भव्य आयोजन होगा व बाल पौध रोपण भण्डारा का कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। विशेष सचिव बेसिक शिक्षा अवधेश तिवारी ने बताया कि विभाग में वृक्षारोपण के लिए प्रत्येक जनपद में नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिये गये हैं तथा उन्हें निर्देशित कर दिया गया है कि पौधरोपित करने से पूर्व उनकी सुरक्षा का पूर्ण इंतजाम कर लिया जाये। पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024 की प्रगति समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन विभाग मनोज सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन, वेंकटेश्वर लू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव संजय श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुश्रवण एवं कार्य योजना, सुनील चैधरी, वन विभाग एवं सूक्ष्म जल, लघु एवं मध्यम, उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग एवं रेशम उद्योग, पंचायती राज विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, कृषि विपणन तथा कृषि निर्यात विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन-ऑफलाइन प्रतिभाग किया।
प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 अरूण कुमार सक्सेना-अध्यक्ष वन निगम की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश वन निगम की 273वीं बोर्ड बैठक इंदिरा नगर स्थित वन निगम के अरण्य विकास सम्मेलन कक्ष में सम्पन्न हुई। डा0 सक्सेना ने बैठक में वन निगम द्वारा पिछले वर्ष किये गये कार्यो व आगामी माहों में किये जाने वाले विभिन्न कार्यो की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने वन निगम को निमार्ण कार्यो हेतु कार्यदायी संस्था नामित कराने हेतु निर्देशित किया। उन्होेंने कहा कि अन्य प्रदेशों की तरह प्रदेश में रिवर ट्रेनिंग का प्रशिक्षण वृहद स्तर पर दिया जाये इससे प्रदेश की प्रगति में सहायता मिलेगी। मंत्री ने जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत सड़क निर्माण के दौरान वृक्षों के कटान को रोकने हेतु वृक्षों को अन्यत्र विस्थापित करने हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह से वृक्षांे की कटान रूकेगी तथा पर्यावरण पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पीपल, बरगद, नीम, पाकड़ इत्यादि के वृक्ष को पूर्ण आकार लेने में काफी समय लगता है इसलिए इनको काटने से पूर्व विस्थापित किया जाना सम्पूर्ण प्रकृति व मानव हित में है। उन्होंने पौध रोपण के समय पौधों को सुरक्षित रखने हेतु बैंकों के सीएसआर फण्ड के माध्यम से लगभग 50 हजार ट्री गार्ड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने वन निगम में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में पहले से किसी भी एजेंडे को स्वीकृत कर प्रस्तुत न किया जाय। उन्होंने निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बोर्ड बैठक में ही प्रस्तुत एजेंडे पर निर्णय लिया जाएगा। वन मंत्री ने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्रहण से अधिक आय हेतु सहकारी समितियॉं बनाकर निस्तारण की व्यवस्था पर विशेष बल दिया जाए। उक्त के अतिरिक्त वन निगम की आय बढ़ाने हेतु अन्य विविधिकरण एवं अन्य आयामों पर विचार करने हेतु मंथन करने पर भी बल दिया। मंत्री ने प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु और अधिक प्रभावी कदम उठाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि आवश्यक हो तो इसके लिए पर्यटन विभाग से सहयोग लेकर इको टूरिज्म में आम व्यक्ति को जोड़ा जाए। बोर्ड बैठक में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, उ0प्र0 वन निगम के प्रबन्ध निदेशक अनुपम गुप्ता के साथ ही नियोजना विभाग व अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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