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दिनांक 13.11.2024 को वन विभाग मुख्यालय के सभा कक्ष में आहूत समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन उत्तर प्रदेश डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना ने जिला वृक्षारोपण समिति द्वारा वृक्षारोपण के रखरखाव पर विशेष बल देने हेतु निर्गत शासनादेश संख्या 161ध्81.5.2024 दिनांक 24.5.2024 में अनुश्रवण हेतु दिए गए निर्देशों के अनुपालन में निम्न बिंदुओं की समीक्षा पर की गईः- पौधारोपण के पश्चात इसकी सफलता सुनिश्चित करने हेतु सुरक्षा, सिंचाई तथा समुचित रखरखाव। वन संरक्षकों द्वारा अर्न्तप्रभागीय जांच दलों से वन विभाग के विभागीय वृक्षारोपणों का स्थलीय सत्यापन। वन विभाग की विभागीय अनुश्रवण शाखा द्वारा तृतीय वर्ष एवं चतुर्थ वर्ष वृक्षारोपण की सफलता का आकलन। वन विभाग द्वारा कराए गए वृक्षारोपण का स्तरीय सत्यापन जिलाधिकारी द्वारा जिला वृक्षारोपण समिति के माध्यम से अंतर्विभागीय जांच समितियां का गठन कर अथवा सेक्टर एवं जोनल अधिकारी नामित करने की अध्याविधिक स्थित शामिल है। मंत्री जी ने समीक्षा के उपरांत निर्देश दिया कि विषयगत शासनादेश में दी गई व्यवस्था के अनुरूप विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण क्षेत्रों का सत्यापन विषयगत शासनादेश की व्यवस्था के अनुरूप वन संरक्षकों द्वारा अर्न्तप्रभागीय जांच दलों से, विभागीय अनुश्रवण शाखा द्वारा विशेष सर्वेक्षण कुल वृक्षारोपण स्थलों में से न्यूनतम 5 प्रतिशत स्थलीय मंडल स्तरीय जोनल अधिकारी द्वारा सत्यापन आदि। इसी प्रकार अन्य विभागों द्वारा कराए गए वृक्षारोपण का स्थलीय सत्यापन जिला वृक्षारोपण समिति के माध्यम से अंतर विभागीय जांच समितियां गठित कर अथवा सेक्टर एवं जोनल अधिकारी नामित कर कराया जाए। बैठक में निम्न निर्देश दिये गयेः-
1. फील्ड निरीक्षण को प्रभावी बनाया जाय।
2. अन्तर्विभागीय सत्यापन की रिपोर्ट नियमित रूप से वन मुख्यालय को करायी जाय।
3. रोपित स्थलों की सुरक्षा व सिंचाई में कोई लापरवाही नहीं बरती जाय।
मंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उ0प्र0, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश वन निगम एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान प्रशिक्षण एवं समस्त जनपदों के प्रभागीय वनाधिकारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी एवं प्रभाग के समस्त क्षेत्रीय वनाधिकारियों ने ऑनलाइन मोड में प्रतिभाग किया।
ईको पर्यटन सत्र का शुभारंभ
जनपद बहराइच में कतर्नियाघाट ईको पर्यटन सत्र का शुभारंभ छह नवम्बर को मुख्य अतिथि अरुण कुमार सक्सेना मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन पर्यावरण एंव जलवायु परिवर्तन विभाग के हाथों से भव्य तरीके से किया गया। इस बार पर्यटन सत्र का मुख्य कार्यक्रम कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज के नेचर इंटर प्रटेशन सेंटर (घड़ियाल सेंटर) में रखा गया। सक्सेना ने मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटन के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों व उपलब्धियों को बताया। पर्यटन प्रभारी वन दरोगा मयंक पांडे ने बताया कि पर्यटक सत्र के पहले दिन से ही कतर्नियाघाट व निशानगाड़ा रेंज के घने जंगलों में जंगल सफारी कर जंगल की सुंदरता का दीदार कर सकेंगे साथ ही गेरुआ नदी में बोटिंग का आनंद ले सकेंगे। प्रधानमंत्री वन धन योजना के अंतर्गत कतर्नियाघाट के नेचर इंटर प्रटेशन सेंटर पर जनजाति महिलाओं द्वारा वन निगम के सहयोग से थारू हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें थारू कल्चर के तहत पेड़ पौधों से बने स्वदेशी उत्पादों का स्टॉल लगाया गया जसमें दो दर्जन से अधिक उत्पादों को बिक्री के लिए लगया गया जिसमें पिटरिया, गमला, टोकरी, चप्पल, पर्स, पावदान, टोपी आदि बिक्री हेतु लगाया गया। उद्घाटन के दिन पहले ग्राहक गिरीजापुरी शारदा सहायक परियोजना इंटर कॉलेज के शिक्षक पुनीत गुप्ता रहे जिन्होंने एक टोपी 300 रुपए में खरीदी। इस अवसर पर सुधीर शर्मा प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव, संजय श्रीवास्तव प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पीपी सिंह सीएसएफ, अदिति शर्मा सीएसएफ, आदि मौजूद रहे।
ईको पर्यटन सर्किट का शुभारम्भ
दिनॉक 07.11.2024 को बफर जोन, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, लखीमपुर-खीरी की भीरा रेंज के अर्न्तगत ईको पर्यटन सर्किट का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डा० अरूण कुमार सक्सेना, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, अमन गिरि, विधायक, गोला गोकर्णनाथ तथा विशिष्टि अतिथि मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उ०प्र० शासन के कर कमलों द्वारा किया गया। ईको पर्यटन सत्र 2024-25 में सूचनाओं का तकनीकी विश्लेषण तथा पर्यटन सत्र हेतु आवश्यक तैयारी की समीक्षा करने के उपरान्त प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन सत्र 2024-25 दिनांक 06.11.2024 से प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। भविष्य में 01 नवम्बर से पर्यटन सत्र आरम्भ करने का निणर्य लिया गया है, साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि फुल डे सफारी के लिए भी एक निश्चित संख्या में वाहनों की अनुमति प्रदान की जा सके जिससे लोग आक्सीजन बाथ के साथ-साथ वाइल्ड लाइफ का भी आनन्द ले सकें। साथ ही दुधवा टाइगर रिजर्व में मंगलवार के साप्ताहिक अवकाश को भी खत्म करने के निर्देश दिए है, जिससे लोगों केा अन्य टाइगर रिजर्व की भाॅति दुधवा टाइगर रिजर्व में भी सप्ताह के सातों दिन ईको पर्यटन का अवसर प्राप्त हो सके। इस पर्यटन सत्र में पर्यटकों द्वारा देय शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है तथा विगत वर्ष के अनुसार ही रखा गया है। विभिन्न ईको पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को तकनीकी, वैज्ञानिक व गुणवत्तापरक जानकारी प्रदान करने हेतु प्रषिक्षित नेचर गाईड को तैयार किया गया है। वन्य जीवों के सुगम अवलोकन हेतु वाॅच टावर, मचान, हाइड आदि का सुदृढीकरण किया गया है तथा स्पाट स्कोप व बाइनाकुलर की व्यवस्था भी की गयी है। इस पर्यटन सत्र में लखीमपुर जनपद में दक्षिणी खीरी वन प्रभाग में महेशपुर (मोहम्मदी) ईको टूरिज्म तथा बफर प्रभाग में मीरा पर्यटन सर्किट का शुभारम्भ किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जीरो पावर्टी अभियान के तहत स्थानीय ग्रामीणों को ईको पर्यटन सम्बन्धी कार्यों में ईको विकास समिति के माध्यम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत कैंटीन संचालन व महिला समूह द्वारा तैयार की गयी सामग्री के लिए सोविनियर षाॅप आदि का संचालन महिला ईको विकास समिति के माध्यम से कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
’डीएम वाॅर रूम गौतमबुद्धनगर से’
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश डा0 अरूण कुमार की अध्यक्षता में आज ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सभागार में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलन्दशहर के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न हुयी। एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने तथा एनजीटी व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मानकों का शत् प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से माननीय राज्य मंत्री जी ने ग्रैप स्टेज-2 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि सम्बन्धित जिले औद्योगिक क्षेत्र होने तथा अधिक यातायात होने की दृष्टि से पर्यावरण को लेकर अत्यंत संवेदनशील है। डस्ट पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा अभियान संचालित किया जाए ताकि डस्ट उत्सर्जन पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कंस्ट्रक्शन एवं खनन साइट का नियमित निरीक्षण किया जाए। प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कारगर उपाय किए जाएं व जनपद में अभियान चलाकर एनजीटी एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाए और जहां पर भी एनजीटी के नियमों का उल्लंघन होता पाया जाए वहां पर जुर्माना लगाते हुए दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अपने अपने जनपद में पॉल्यूशन पर अंकुश लगाने से संबंधित जागरूकता अभियान संचालित करते हुये व्यापक स्तर पर प्रचार प्रचार सुनिश्चित कराया जाये। राज्यमंत्री द्वारा सभी संबंधित जिलों के संबंधित अधिकारियों को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कमीशन फॉर ऐयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया द्वारा निर्गत निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं संबंधित जनपदों में सड़कों पर धूल नियंत्रण एवं समुचित पानी के छिड़काव की पर्याप्त व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये, जिससे जनपद की वायु गुणवत्ता कुप्रभावित न हो। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एनसीआर में 10 एवं 15 साल पुराने वाहनों के संचालन को रोकने तथा ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रेप कराने के निर्देश दिये। उन्होने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि सामान हेतु प्रयुक्त किये जाने वाले वाहन अनकवर्ड न हो। कृषि विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वायु प्रदूषण के सम्बन्ध में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाये ताकि किसान खेतों में पराली न जलाये। उन्होंने किसानों द्वारा खेतों में जलायी जाने वाली पराली से उत्पन्न होने वाले बीमारियों के बारे में भी प्रकाश डाला। अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उ०प्र० शासन द्वारा समस्त जिलों के संबंधित अधिकारियों से ग्रैप लागू होने के पश्चात उनके विभाग द्वारा अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने कहा कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कमीशन फॉर ऐयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया द्वारा निर्गत निर्देशों का नियमित रूप से अनुपालन किया जायें एवं शहरी क्षेत्र में आवागमन हेतु ज्यादा से ज्यादा सीएनजीध्विद्युत आधारित सार्वजनिक वाहनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने सभी कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन इकाइयों को अपने-अपने परियोजना स्थल पर एवं उनके आसपास के क्षेत्र में व्यापक रूप से धूल नियंत्रण एवं पानी का समुचित छिड़काव सुनिश्चित करने हेतु एण्टी स्मोग गन, वाटर टैंकर द्वारा लगातार पानी का छिड़काव करने एवं नगर निगम को शहरी क्षेत्र में सड़को की मशीनों द्वारा सफाई किये जाने के निर्देश दिये गये। सदस्य सचिव, उ०प्र० प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ द्वारा सभी संबंधित जनपदों के उत्तरदायी अधिकारियों को कमीशन फॉर ऐयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया द्वारा निर्गत निर्देशों का प्रस्तुतीकरण कर तय नियमों की क्रमवार जानकारी दी गयी।
Muzaffarnagar police book 3 for attacking dog
Following a complaint filed by Punit Arora, a local activist, and founder of LIC Animals Khatauli, with support from People for the Ethical Treatment of Animals (PETA) India, Muzaffarnagar police registered a first information report (FIR) against three accused – one identified man and two unknown persons – who repeatedly beat a dog with thick wooden sticks, causing multiple fractures. An FIR was registered by Khatauli Police Station under sections 325 and 352 of the Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), 2023, and Section 11 of The Prevention of Cruelty to Animals (PCA) Act, 1960. The dog is currently undergoing treatment and is under the care of local caregivers. “Those who abuse animals often move on to harming humans. It is imperative that members of the public report cases of cruelty to animals such as this one for everyone’s safety,” says PETA India Cruelty Response Coordinator Saloni Sakaria.
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