बारिश में इन सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सेवन है सेहत के लिठनà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤¯à¤•
बारिश के मौसम में गरà¥à¤®à¥€ से राहत तो मिलती ही है साथ ही साथ कई तरह की बीमारियों की आमद à¤à¥€ बॠजाती है। à¤à¤¸à¥‡ में हमें अपने खाने-पीने की चीजों को लेकर थोड़ा संà¤à¤² जाने की जरूरत है। मानसून के मौसम में हमें तली-à¤à¥à¤¨à¥€ चीजों को खाने की बड़ी इचà¥à¤›à¤¾ होती है। बारिश के दिनों में अकà¥à¤¸à¤° लोग घरों में पालक के पकौड़े खाना पसंद करते हैं। लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ आपको पता है कि बरसात में पालक का सेवन करने से आपको पेट संबंधी बीमारी से जूà¤à¤¨à¤¾ पड़ सकता है। फलों, पकवानों के साथ साथ सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सेवन में à¤à¥€ सावधानी बरतने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। मानसून में किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की कचà¥à¤šà¥€ सबà¥à¤œà¥€ को खाना सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦ नहीं है। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस मौसम में इनमें कीड़ों के होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रहती है। जो गंà¤à¥€à¤° पेट संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾ का कारक हो सकते हैं। इन सबके अलावा à¤à¥€ खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अचà¥à¤›à¥€ तरह से धोकर ही बनाने के लिठले जाà¤à¤‚ तथा सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देर तक काटकर न रखें। इससे उसमें रोगजनक बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ पैदा हो सकते हैं। सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को खूब पकाà¤à¤‚ ताकि उसमें यदि किसी तरह के बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हों तो वह नषà¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤‚। हम आपको मानसून में न खाने लायक सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में बता रहे हैं। इस मौसम में इनका सेवन सेहत के लिहाज से काफी नà¥à¤•à¤¾à¤¸à¤¨à¤¦à¥‡à¤¹ साबित हो सकता है। दरअसल बरसात के मौसम में पालक और अनà¥à¤¯ पतà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में छोटे-छोटे कीड़े पड़ जाते हैं। इस वजह से पालक का सेवन करने पर पेट दरà¥à¤¦ की समसà¥à¤¯à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो सकती है। इसके अलावा पतà¥à¤¤à¤¾ गोà¤à¥€ की सबà¥à¤œà¥€ à¤à¥€ रोगजनक कीड़ों से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होने के कारण सेवन के योगà¥à¤¯ नहीं होती। बरसात के दिनों में हमारी पाचन शकà¥à¤¤à¤¿ थोड़ी कमजोर हो जाती है। à¤à¤¸à¥‡ में हमें कठिनाई से पचने वाले खादà¥à¤¯-पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ से दूर रहना चाहिà¤à¥¤ आलू, अरवी, à¤à¤¿à¤‚डी, फूलगोà¤à¥€ और मटर जैसी सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पचने में काफी समय लेती हैं। मानसून में मशरूम का सेवन इंफेकà¥à¤¶à¤¨ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देता है। गरà¥à¤®à¥€ के मौसम में खीरा, मूली और गाजर को बतौर सलाद खूब इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है। लेकिन बरसात में इनका सेवन हानिकारक हो सकता है। à¤à¥‹à¤œà¤¨ में दाल, सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, कम वसा वाली चीजें शामिल करें। पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ के अलावा बीटा कैरोटीन, बी कामà¥à¤ªà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸ विटामिन, विटामिन सी, ई, सेलेनियम, जिंक, फॉलिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡, आयरन, कापर, मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, पà¥à¤°à¥€à¤¬à¤¾à¤¯à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤• और पà¥à¤°à¥‹à¤¬à¤¾à¤¯à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤• आहार à¤à¥€ शरीर के लिठअचà¥à¤›à¥‡ होते हैं। à¤à¥‹à¤œà¤¨ में रेशेदार फलों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। नींबू में विटामिन सी मिलता है, इससे रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ है, वहीं पà¥à¤¦à¥€à¤¨à¤¾ पाचन तंतà¥à¤° को मजबूत करता है, इसलिठइसे खाने में शामिल करना चाहिà¤à¥¤
नारियल की गिरी ही नहीं इसका पानी à¤à¥€ है फायदेमंद!
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ घरों में कई पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से नारियल का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कई रूपों में किया जाता है। नारियल का हर हिसà¥à¤¸à¤¾ किसी न किसी तरह से फायदेमंद ही होता है। नारियल का उपयोग कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से किया जाता है जैसे फल के रूप में, तेल के रूप में, नारियल दूध के रूप में और कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के वà¥à¤¯à¤‚जन बनाने के रूप में किया जाता है। नारियल में संतृपà¥à¤¤ वसा की à¤à¤• उचà¥à¤š मातà¥à¤°à¤¾ होती है, लेकिन ये शरीर के लिठहानिरहित हैं। इनमें फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ होते हैं। ये फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ शरीर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अलग तरह से अवशोषित होते हैं। वे सीधे पाचन तंतà¥à¤° से जिगर तक जाते हैं और आगे कीटोन निकायों में बदल जाते हैं। नारियल में फाइबर उचà¥à¤š मातà¥à¤°à¤¾ में होता है और ये गà¥à¤²à¥‚कोज रिलीज को धीमा कर देता है और इसे सेल में टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफॉरà¥à¤® किया जाता है जिससे यह ऊरà¥à¤œà¤¾ में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो जाता है।
नारियल पानी के फायदः नारियल पानी में कई सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¤µà¤°à¥à¤§à¤• गà¥à¤£ à¤à¥€ छà¥à¤ªà¥‡ हैं। नारियल पानी में मौजूद पोषक ततà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठबहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¥‡ माने जाते है। इसके अलावा इसका सेवन डिहाइडà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨, बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥ˆà¤¶à¤°, डायबिटीज और मोटापा घटाने में बेहद मददगार होता है। नारियल पानी का सेवन गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अधिक किया जाता है। यह इमà¥à¤¯à¥‚न सिसà¥à¤Ÿà¤® को बूसà¥à¤Ÿ करने के साथ शरीर में पीà¤à¤š सà¥à¤¤à¤° को à¤à¥€ बनाठरखता है। नारियल पानी की तासीर ठंडी होती। à¤à¤• औसत हरे नारियल में 0.5-1 कप नारियल पानी मिलता है, जिसमें 46 कैलोरी होती है। à¤à¤• नारियल पानी में कारà¥à¤¬à¥‹à¤¸- 9 गà¥à¤°à¤¾à¤®, फाइबर- 3 गà¥à¤°à¤¾à¤® और पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨- 2 गà¥à¤°à¤¾à¤® होता है। इसके अलावा इसमें à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚टà¥à¤¸, विटामिन सी, मैगà¥à¤¨à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, मैगà¥à¤¨à¥€à¤œ, पोटेशियम, सोडियम, मिनरलà¥à¤¸, à¤à¤‚जाइम, à¤à¤®à¤¿à¤¨à¥‹ à¤à¤¸à¤¿à¤¡, साइटोकाइन, फाइबर और कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® जैसे पोषक ततà¥à¤µ à¤à¥€ होते हैं। फैट फà¥à¤°à¥€ नारियल पानी में मैकà¥à¤°à¥‹-नà¥à¤¯à¥‚टà¥à¤°à¤¿à¤à¤‚टà¥à¤¸ à¤à¥€ बहà¥à¤¤ कम होते हैं। इसलिठरोजाना इसका सेवन आपका वजन नहीं बà¥à¤¨à¥‡ देता। हफà¥à¤¤à¥‡ में 2-3 बार नारियल पानी की नियमित रूप से सेवन किडनी सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ बाहर निकालने में मदद करता है। नारियल पानी का सेवन बॉडी में मौजूद विषाकà¥à¤¤ ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को बाहर निकालने के साथ शरीर में सà¤à¥€ पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ की कमी को पूरा करती है। बॉडी को डिटॉकà¥à¤¸ करने के लिठरोजाना 1 नारियल पानी का सेवन जरूर करें।
कचà¥à¤šà¥‡ नारियल के लाà¤à¤ƒ कचà¥à¤šà¤¾ नारियल खाने से तेजी से à¤à¥‹à¤œà¤¨ को पचाने में मदद मिलती है और पाचन से संबंधित लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ व आंतों से जà¥à¥œà¥€ अनà¥à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के लिठफायदेमंद होता है। यह शरीर को फाइबर देकर पोषण और खनिज को अवशोषित करने में à¤à¥€ मदद करता है। इससे उलà¥à¤Ÿà¥€ और मतली की समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ दूर होती है। इमà¥à¤¯à¥‚न सिसà¥à¤Ÿà¤® के लिठनारियल बेहद ही फायदेमंद होता है। इसमें à¤à¤‚टीवायरल, à¤à¤‚टीफंगल, à¤à¤‚टी-बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤² और à¤à¤‚टी-पैरासाइटिक गà¥à¤£ होते हैं। नारियल के तेल के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने से शरीर को वायरस और बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से बचाव में मदद मिलती है। कचà¥à¤šà¥‡ नारियल को खाने से गंà¤à¥€à¤° बीमारियों का इलाज होता है, जैसे गले में संकà¥à¤°à¤®à¤£, बà¥à¤°à¥‹à¤‚काइटिस, यूरिनरी इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨, फीता कृमि और अनà¥à¤¯ बीमारियां जो सूकà¥à¤·à¥à¤® जीवों से होती हैं। कचà¥à¤šà¤¾ नारियल फैट को बरà¥à¤¨ करके ऊरà¥à¤œà¤¾ को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में मदद करता है। नारियल के तेल में पाठजाने वाले टà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤—à¥à¤²à¤¿à¤¸à¤°à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤¸ 24 घंटे में की जाने वाली ऊरà¥à¤œà¤¾ की कà¥à¤² खपत को 5ः तक बà¥à¤¾ देते हैं, जिससे लंबे समय तक वजन घटने की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ मिलता है। कचà¥à¤šà¤¾ नारियल खाने से थायराइड à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होता है। कचà¥à¤šà¥‡ नारियल के पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• डà¥à¤¯à¥‚रेटिक गà¥à¤£ यूरिनरी टà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ (यूटीआई) का इलाज करते हैं। इसको खाने से संकà¥à¤°à¤®à¤£ से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ पाने के लिठयूरिन का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• तरीके से सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ में मदद मिलती है। रोजाना नारियल खाने से हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ और दांत सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होते हैं। कचà¥à¤šà¤¾ नारियल कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® और मैगनीस को अवशोषित करने के लिठशरीर की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करता है, जिससे हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का इलाज होता है। यह ऑसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤ªà¥‹à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ को à¤à¥€ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ में मदद करता है, à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ जो हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पतला व नाजà¥à¤• बनाती है और हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के घनतà¥à¤µ को कम करती है। जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लैकà¥à¤Ÿà¥‹à¤œ असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ है, उनके लिठये विकलà¥à¤ª बहà¥à¤¤ ही सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ है। नारियल में मौजूद सायटोकिनिंस, कीनेटिन और टà¥à¤°à¤¾à¤‚स-जीटिन में à¤à¤‚टी थà¥à¤°à¥‹à¤®à¥à¤¬à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤•, à¤à¤‚टी कारà¥à¤¸à¤¿à¤¨à¥‹à¤œà¥‡à¤¨à¤¿à¤• और à¤à¤‚टी-à¤à¤œà¤¿à¤‚ग गà¥à¤£ होते हैं। कचà¥à¤šà¤¾ नारियल खाने से तà¥à¤µà¤šà¤¾ में नमी बानी रहती है और उसे जवान व मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® बनाने में मदद मिलती है। à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š कचà¥à¤šà¤¾, बिना पका नारियल का तेल लें और तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर लगाने के बाद मसाज करें। जब आप नारियल का सेवन करते हैं तो इससे तà¥à¤µà¤šà¤¾ संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚, रैशेस, खà¥à¤œà¤²à¥€ और जलन को कम करने में मदद मिलती है। रोजाना नारियल खाने से तà¥à¤µà¤šà¤¾ में ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ बà¥à¤¤à¤¾ है और रकà¥à¤¤ परिसंचरण को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में मदद मिलती है। आपकी कोशिकाओं को परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ मातà¥à¤°à¤¾ में ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ की जरूरत होती है, जो कि शरीर में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ परिसंचरण से संà¤à¤µ है। इससे तà¥à¤µà¤šà¤¾ जवान, सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ और निखरने लगती है। नारियल के à¤à¤‚टीबैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤² और à¤à¤‚टीफंगल गà¥à¤£ सिर की तà¥à¤µà¤šà¤¾ को डैंडà¥à¤°à¤«, लीखें और खà¥à¤œà¤²à¥€ वाली तà¥à¤µà¤šà¤¾ से बचाते हैं, इन समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से बालों का बà¥à¤¨à¤¾ रà¥à¤• जाता है। नारियल बालों को चमकदार और मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® बनाने में à¤à¥€ मदद करता है।
सूखे नारियल (गोले) के फायदेः सूखा नारियल फाइबर से समृदà¥à¤§ होता है और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हà¥à¤°à¤¦à¤¯ बनाये रखने में मदद करता है। पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को 38 गà¥à¤°à¤¾à¤® फाइबर की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है, जबकि महिलाओं के शरीर को 25 गà¥à¤°à¤¾à¤® फाइबर की जरूरत होती है। सूखा नारियल खाने से, आपको परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ फाइबर की मातà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी, जिससे हà¥à¤°à¤¦à¤¯ संबंधित समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ नहीं होंगी। शोध में पता चला है कि सूखा नारियल मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¤à¤¾ है और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ दिमाग को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने में मदद करता है। सूखे नारियल में 5.2 माइकà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® सेलेनियम होता है जो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ को बढाने में मदद करता है। सूखे नारियल में खनिज होते हैं जो पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ में बांà¤à¤ªà¤¨ को रोकने में लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। चिकितà¥à¤¸à¤¾ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ ने कई परीकà¥à¤·à¤£ किये हैं और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इससे जà¥à¥œà¥‡ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ दिठहैं। सूखा नारियल खाने से, शरीर सेलेनियम का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करता है और पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ में बांà¤à¤ªà¤¨ को रोकता है। खासकर महिलाओं में à¤à¤• उमà¥à¤° के बाद खून की कमी होने लगती है। सूखा नारियल आयरन से समृदà¥à¤§ होता है जो à¤à¤¨à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ को दूर रखता है। सूखे नारियल में कई पोषक ततà¥à¤µ होते हैं जो शरीर को कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं। सूखे नारियल की मदद से कोलन कैंसर और पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ कैंसर जैसे कà¥à¤› पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कैंसर की रोकथाम की जा सकती है। सूखा नारियल कई पाचन संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से बचाने में मदद करता है, जैसे कबà¥à¤œ, अलà¥à¤¸à¤° और बवासीर। समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ जैसे अरà¥à¤¥à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸, ऑसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤ªà¥‹à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ आदि को रोजाना सूखे नारियल के सेवन से कम किया जा सकता है।
औषधीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र है कदमà¥à¤¬ का वृकà¥à¤· और फूल
कदमà¥à¤¬ à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ फूलदार वृकà¥à¤· है जिसके पतà¥à¤¤à¥‡ बड़े और मोटे होते हैं और उनमे से गोंद à¤à¥€ निकलता है। कदमà¥à¤¬ के पेड़ के पतà¥à¤¤à¥‡ महà¥à¤ के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के समान और फल नींबू की à¤à¤¾à¤‚ति गोल होते है। साथ ही फूल फलों के ऊपर ही होते है। कदमà¥à¤¬ का फूल छोटे और खà¥à¤¶à¤¬à¥à¤¦à¤¾à¤° होते हैं। ये गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में अधिक पाठजाते हैं। वैसे तो देश के कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पाठजाते हैं लेकिन उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इनकी कई पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ देखने को मिलती है। कदमà¥à¤¬ के वृकà¥à¤· की खास बात यह है कि इसमें अलà¥à¤«à¤¾à¤¡à¥€à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‹ कदमà¥à¤¬à¥€à¤¨, गà¥à¤²à¥ˆà¤•à¥‹à¤¸à¥€à¤¡à¥à¤¸ à¤à¤²à¥à¤•à¥‡à¤²à¤¾à¤¯à¤¡, आइसो- डीहाइडà¥à¤°à¥‹ कदमà¥à¤¬à¥€à¤¨, बीटासिटोसà¥à¤¤à¥€à¤°à¤¾à¤², कà¥à¤²à¥€à¤¨à¥‹à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡, पेंतासायकà¥à¤²à¥€à¤•, टà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤ªà¥‡à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡, कदमà¥à¤¬à¤¾à¤œà¥‡à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡, सेपोनिन, उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤ तेल, कà¥à¤µà¥€à¤¨à¤¾à¤°à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ आदि रासायनिक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° होती है, जिनकी वजह से कदमà¥à¤¬ देव वृकà¥à¤· की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में आता है । यह विषरोधक वृकà¥à¤· की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में à¤à¥€ आता है । इसके अलावा यह अपने औषधीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ की वजह से जाना जाता है। यह मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ और यहां तक कि पशà¥à¤“ं को à¤à¥€ तमाम तरह के गंà¤à¥€à¤° रोगों से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ दिलाता है। पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है की à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ कदमà¥à¤¬ के पेड़ के नीचे ही रहकर अपनी बांसà¥à¤°à¥€ बजाया करते थे। कृषà¥à¤£ की लीलाओं से जà¥à¥œà¤¾ होने के कारण कदमà¥à¤¬ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– बà¥à¤°à¤œà¤à¤¾à¤·à¤¾ के अनेक कवियों ने किया है। इसके अनेक फायदे हैं जैसे यदि बदहजमी हो गयी हो तो कदमà¥à¤¬ की कचà¥à¤šà¥€ ४-५ कोंपलें चबा लीजिये। दिल की तकलीफों या नाडी डूबने की हालत में इसका रस २ चमà¥à¤®à¤š पिला दीजिये। इसकी पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रस को अलà¥à¤¸à¤° तथा घाव ठीक करने के काम में à¤à¥€ लिया जाता है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में कदंब की सूखी लकड़ी से जà¥à¤µà¤° दूर करने की दवा तथा मà¥à¤à¤¹ के रोगों में पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रस से कà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ करने का उलà¥à¤²à¥‡à¤– मिलता है। यदि पशà¥à¤“ं को कोई रोग हो जाठतो इसके फूलों और पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पशà¥à¤“ं को बाड़े में रखे, रोग नहीं फैलेगा। चार सौ गà¥à¤°à¤¾à¤® पानी में कदमà¥à¤¬ के फल और पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ उसकी छाल को १०-१० गà¥à¤°à¤¾à¤® मिलाकर काà¥à¤¾ बना लें। इसका सेवन सà¥à¤¬à¤¹ शाम करें। इससे à¤à¤œà¤°à¥à¤œà¥€ ठीक हो जाà¤à¤—ी। इसकी छाल को घिस कर बाहर से लगाने पर कनजकà¥à¤Ÿà¥€à¤µà¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸ ठीक हो जाता है। इसके फलों का रस माठके दूध को बढाता है। चोट या घाव या सूजन पर इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को हलà¥à¤•à¤¾ गरà¥à¤® कर बाà¤à¤§à¤¨à¥‡ से आराम मिलता है। बà¥à¤–ार न जा रहा हो तो कदमà¥à¤¬ की छाल का काढा दिन में दो- तीन बार पी लीजिये। सांप के काटने पर इसके फल फूल पतà¥à¤¤à¥‡ जो à¤à¥€ मिल जाà¤à¤ पहले तो पीस कर लेप कीजिठफिर काढा बनाकर पिलाइà¤à¥¤ बदन पर लाल चकतà¥à¤¤à¥‡ पड़ गये हों तो कदमà¥à¤¬ की ५ कोंपले सà¥à¤¬à¤¹-शाम चबाà¤à¤‚। दसà¥à¤¤ हो रहे हों तो कदमà¥à¤¬ की छाल का काढा पी लीजिठया छाल का रस २ चमà¥à¤®à¤š, लेकिन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को देते समय इस रस में जीरे का चूरà¥à¤£ à¤à¤• चà¥à¤Ÿà¤•à¥€ और मिशà¥à¤°à¥€ à¤à¥€ मिला लीजिये। फोड़े-फà¥à¤‚सी और गले के दरà¥à¤¦ में कदमà¥à¤¬ के फूल और पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का काढा बनाकर पीजिये। खून में कोई कमी आ जाठतो कदमà¥à¤¬ के फल और पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का ४ गà¥à¤°à¤¾à¤® चूरà¥à¤£ लगातार à¤à¤• महीना खा लीजिये। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी है मीठी और असरदार मà¥à¤²à¥‡à¤ ी à¤à¤• à¤à¤¾à¥œà¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ पौधा होता है जिसमें गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ और जामà¥à¤¨à¥€ रंग के फूल होते है। इसके फल लमà¥à¤¬à¥‡ चपटे तथा इसमें कांटे होते हैं। इसकी पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‰à¤‚ संयà¥à¤•à¥à¤¤ होती है। मूल जड़ों से छोटी-छोटी जडे निकलती है। इसका पौधा १ से ६ फà¥à¤Ÿ तक होता है। यह मीठा होता है इसलिठइसे जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ ीमधॠà¤à¥€ कहा जाता है। असली मà¥à¤²à¥‡à¤ ी अंदर से पीली, रेशेदार à¤à¤µà¤‚ हलà¥à¤•à¥€ गंधवाली होती है। यह सूखने पर अमà¥à¤² जैसे सà¥à¤µà¤¾à¤¦ की हो जाती है। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वरà¥à¤· तक उसमें औषधीय गà¥à¤£ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहता है। गà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤°à¤¾à¤‡à¤œà¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ के होने के कारण इसका सà¥à¤µà¤¾à¤¦ साधारण शकà¥à¤•à¤° से पचास गà¥à¤¨à¤¾ अधिक मीठा होता है। इसकी खेती पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· में होती है।मà¥à¤²à¥‡à¤ ी खासी, गले की खराश, उदरशूल कà¥à¤·à¤¯à¤°à¥‹à¤—, शà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨à¤²à¥€ की सूजन तथा मिरगी आदि के इलाज में उपयोगी है। इसमें à¤à¤‚टीबायोटिक à¤à¤µà¤‚ बैकà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¿à¤¯ से लड़ने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ पाई जाती है। यह शरीर के अनà¥à¤¦à¤°à¥‚नी चोटो में à¤à¥€ लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• होता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इसे पान आदि में डालकर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से न सिरà¥à¤« आमाशय के विकार बलà¥à¤•à¤¿ गैसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤• अलà¥à¤¸à¤° और छोटी आंत के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤— डà¥à¤¯à¥‚ओडनल अलà¥à¤¸à¤° में à¤à¥€ लाठहोता है। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी का चूरà¥à¤£ अमृत की तरह काम करता है, बस सà¥à¤¬à¤¹ शाम २ गà¥à¤°à¤¾à¤® पानी से निगल जाइठयही नहीं इस मà¥à¤²à¥‡à¤ ी के चूरà¥à¤£ से आà¤à¤–ों की शकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ बà¥à¤¤à¥€ है बस सà¥à¤¬à¤¹ ३ गà¥à¤°à¤¾à¤® खाना चाहिये। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी में पचास पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ पानी होने के कारण ये पेट के लिठठंडी होती है। इसका सà¥à¤µà¤¾à¤¦ हलà¥à¤•à¤¾ मीठा होता है। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी घाव को à¤à¤°à¤¨à¥‡ में à¤à¥€ मददगार होती है। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी खांसी, जà¥à¤•à¤¾à¤®, उलà¥à¤Ÿà¥€ व दसà¥à¤¤ को रोकने में मदद करती है।यह पेट की जलन व दरà¥à¤¦, अलसर तथा इससे होने वाली खून की उलà¥à¤Ÿà¥€ में à¤à¥€ बहà¥à¤¤ उपयोगी है। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी वातपितà¥à¤¤à¤¶à¤¾à¤®à¤• है। खांसी के लिठमà¥à¤²à¥‡à¤ ी पाउडर और आंवला चूरà¥à¤£ २ -२ गà¥à¤°à¤¾à¤® की मातà¥à¤°à¤¾ में मिला लें। इस चूरà¥à¤£ को दो चमà¥à¤®à¤š शहद मिलाकर सà¥à¤¬à¤¹- शाम चाटने से खांसी में बहà¥à¤¤ लाठहोता है। गले के लिठदस गà¥à¤°à¤¾à¤® मà¥à¤²à¥‡à¤ ी में दस गà¥à¤°à¤¾à¤® काली मिरà¥à¤š, दस गà¥à¤°à¤¾à¤® लौंग, पांच गà¥à¤°à¤¾à¤® हरड़, पांच गà¥à¤°à¤¾à¤® मिशà¥à¤°à¥€ सारी चीजों को मिला कर पीस लें। इस चूरà¥à¤£ की à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š सà¥à¤¬à¤¹ शहद के साथ चाटने से गले में दरà¥à¤¦ की शिकायत दूर हो जाती है और आवाज à¤à¥€ साफ होती है। पेशाब की जलन के लिठà¤à¤• चमà¥à¤®à¤š मà¥à¤²à¥‡à¤ ी का चूरà¥à¤£ à¤à¤• कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।छाले ठीक करने के लिठमà¥à¤²à¥‡à¤ ी को मà¥à¤¹à¤‚ में रखकर चूंसने से मà¥à¤¹ के छाले ठीक हो जाते हैं। पेट दरà¥à¤¦ के लिठà¤à¤• चमà¥à¤®à¤š मà¥à¤²à¥‡à¤ ी चूरà¥à¤£ में शहद मिलाकर दिन में तीन बार लेनें सेे पेट और आंतों का दरà¥à¤¦ ठीक हो जाता है। फोड़े-फà¥à¤¸à¤¿à¤‚यो को ठीक करने के लिठफोड़ों पर मà¥à¤²à¥‡à¤ ी का लेप लगाने से वो जलà¥à¤¦à¥€ पक कर फूट जाते हैं। मà¥à¤²à¥‡à¤ ी को कालीमिरà¥à¤š के साथ खाने सà¥
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