सरकार के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ पर पानी फेरते लोग
पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के विरà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने यà¥à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤¤à¤° का आंदोलन छेड़ रखा है और वन टाइम यूस पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤¡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤¸ यानी à¤à¤• बार इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कर फेक देने वाली पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• जैसे ५० माइकà¥à¤°à¥‹à¤¨ व उससे पतली पनà¥à¤¨à¥€, कप, पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ, सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰, रैपिंग पेपर, सैलोफीन व थरà¥à¤®à¤¾à¤•à¥‹à¤² को पूरी तरह इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से बाहर कर देने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया है परनà¥à¤¤à¥ वहीठकà¥à¤› लालची लोग इस तरह की पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• को खपाने का पूरा पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ कर रहे हैं और इसी का परिणाम है सैलोफीन व पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• से बनी पतंगे। देखने में रंग बिरंगी ये पतंगे असल में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ ही नहीं, जैवविविधता व इंसानों के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठअतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• हानिकारक हैं। मधà¥à¤¯ व पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ लखनऊ में ये धड़लà¥à¤²à¥‡ से बिक रही हैं व उड़ाई जा रही हैं। वहीठबड़े बड़े पà¥à¤°à¥‹à¤µà¤¿à¤¶à¤¨à¤² सà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥à¤¸ जैसे सà¥à¤ªà¥‡à¤‚सरà¥à¤¸, बिग बासà¥à¤•à¥‡à¤Ÿ, बिग बाजार इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¥€ बेहद महीन पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की पनà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कर रहे हैं। ये कहने को तो बायोडिगà¥à¤°à¥‡à¤¡à¥‡à¤¬à¤² थैला अलग से दाम लेकर देते हैं पर ‘अंदर‘ की पैकिंग जैसे चावल, शकर, के लिठबड़े आराम से वही महीन पनà¥à¤¨à¥€ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं जो करते चले आ रहे थे। अब इनपर लगाम कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं? पà¥à¤²à¤¿à¤¸ व पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को कोई परवाह नहीं कि सरकार के नियमों व आदेशों की अनदेखी बà¥à¤°à¥€ तरह से हो रही हैं। अब यदि इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• को जीवित रखना हैं तो कहना गलत न होगा कि ‘सरकार करे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸, ‘जन‘ व ‘तंतà¥à¤°‘ को कब होगा à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸? फोटो कà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¿à¤Ÿ सौमà¥à¤¯à¤¾ मिशà¥à¤°
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