A First-Of-Its-Kind Magazine On Environment Which Is For Nature, Of Nature, By Us (RNI No.: UPBIL/2016/66220)

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TreeTake is a monthly bilingual colour magazine on environment that is fully committed to serving Mother Nature with well researched, interactive and engaging articles and lots of interesting info.

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सर्दियों में क्यों फायदेमंद है दही
दही डेयरी प्रॉडक्ट्स में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खाद्य पदार्थ है। इसमें मौजूद माइक्रोस्कोपिक बैक्टीरिया और प्रोटीन शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की अपूर्ति करने में मददगार है। कुछ लोग सर्दी के मौसम में इसे खाने से परहेज करते हैं क्योंकि माना जाता है कि इसकी तासीर ठंड़ी होती है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार दही की तासीर गर्म होती है। ठंड़े मौसम के कारण ज्यादातर लोग सर्दी-खांसी, जुकाम, पेट में दर्द आदि जैसी इंफैक्शन का शिकार जल्दी हो जाते हैं। ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी है। अगर नाश्ते में रोजाना 1 कटोरी दही का सेवन करेंगे तो फायदा मिलेगा। कुछ लोग समझते हैं कि इससे परेशानी और भी बढ़ जाएगी जबकि अगर सही मात्रा ओर सही तरीके से दही खाया जाए तो सेहत दुरुस्त रहती है। इस बात का ध्यान रखें कि रात के समय दही खाने से सेहत बिगड़ सकती है। दही के 1 कप में 8.5 ग्राम प्रोटीन होती है जो शरीर को जरूरी अमीनो एसिड प्रदान करने में बहुत लाभकारी है। जब बॉडी में अमीनो एसिड की कमी आ जाती है तो इससे मांसपेशियां ठीक तरह से काम नहीं कर पाती। दही में कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, इसके अलावा पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व दिल को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रैशर कंट्रोल करने का कम करते हैं। इंफैक्शन को दूर करने में भी दही के बैक्टीरिया बहुत फायदेमंद हैं। रोजाना एक व्यस्क को 1 कटोरी दही का सेवन करना चाहिए। जो लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं उनके लिए आधा कटोरी दही पर्याप्त है। दही में गुड बैक्टीरिया होते हैं इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि फ्रिज में रखे हुए ठंड़े दही का सेवन न करे क्योंकि इससे सेहत को ज्यादा फायदा नहीं मिलता। हमेशा सामान्य तापमान पर रखा हुआ दही ही खाएं। इसके अलावा बाजार में खरीदा गया दही मिलावटी होता है जो सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है इसलिए हर रोज घर पर फ्रेश दही जमाएं और इसका सेवन करें।
पौधे जो रखें मच्छर दूर
बागवानी के शौकीन लोगों के लिए एक जानकारी वाली अच्छी खबर है। शायद आपको न पता हो कि कुछ पौधे ऐसे हैं जिन्हें घर में लगाने पर वो घर की सुंदरता तो बढ़ाते ही हैं। साथ ही मच्छरों से भी आपको दूर रखते हैं। वैसे हर कोई चाहता है कि उसके आस-पास हरियाली हो और घर भी फूल पौधों से भरा हो, लेकिन कम ही लोग होते हैं जो नियमित रूप से पौधों की देखभाल करते हैं। आजकल तो मच्छरों की सबसे बड़ी समस्या होती है घरों में जिनसे कई जानलेवा बीमारियां भी जन्म लेती हैं। हम मच्छरों को भगाने के लिए कई तरह के केमिकल वाले प्रॉडक्ट यूज करते हैं, जिनसे मच्छर भले ही न भागें, लेकिन हमारे स्वास्थ्य को जरूर नुकसान होता है। तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रॉडक्ट्स को अलविदा कह दीजिए क्योंकि अब हम आपको ऐसे पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें लगाने से घरों से मच्छर भागते हैं। अच्छी बात यह है कि ये पौधे हवा को भी साफ करते हैं। हॉर्स मिंट- यह एक तरह का मिंट है। इससे कसैली महक आती है। इसे घर में लगाने से मच्छर भागते हैं। लेमन ग्रास- इस पौधे से नींबू की तरह महक आती है। इस पौधे को लगाने से मच्छर घर से दूर रहते हैं। का मजा या फिर गर्मियों में ठंडी हवा लेने के लिए अक्सर लोग बालकनी में बैठते हैं। मगर मच्छर पूरे मजे को खराब कर देते हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए आप घर में ऐसे पौधे लगा सकते हैं उनकी खुशबू मच्छरों को बिल्कुल भी पंसद ना हो।  रोजमेरी- मच्छरों को घर से दूर भगाने के लिए रोजमेरी प्लांट लगाएं। नीले फूलों वाला यह पौधा मच्छरों को मारने में सहायक है। मच्छरों को खुद से दूर रखने के लिए आप चाहें तो रोजमेरी मॉस्किटो रिप्लीयन्ट की 4 बूंदों को 1 चैथाई जैतून का तेल मिक्स करके भी लगा सकते हैं। सिट्रोनेला ग्रास- सिट्रोनेला ग्रास डेंगू पैदा करने वाले एडीज एजिप्टी मच्छरों को भी आपसे दूर रखने में मदद करती है। इस पौधे को घर में लगाने से मच्छर आपके आसपास भी नहीं भटकेंगे। गेंदा- गेंदे की गंध मच्छरों को बिल्कुल भी पसंद नहीं होती। अगर आप घर में गेंदे का पौधा लगाती हैं तो आपको 1 भी मच्छर दिखाई नहीं देगा। तुलसी- तुलसी का पौधा भी मच्छरों को घर से दूर रखता है। मच्छरों को दूर रखने के लिए तुलसी को गमले में उगाकर बालकनी में रखें। नीम- नीम के पौधे से कीड़े मकोड़े और मच्छर दूर रहते है। इसे घर के बगीचे में लगाएं। मच्छरों को दूर रखने के लिए त्वचा पर नीम का तेल लगाएं।
दिखना हो जवां तो माजूफल करें इस्तेमाल
सबका सपना होता है कि वो हमेशा जवां दिखे। मगर बढ़ते उम्र के असर के चलते उनका ये ख्वाब पूरा नहीं हो पाता है। मगर माजूफल नामक जड़ी बूटी के प्रयोग से आप उम्र के असर को मात दे सकते हैं। इससे डायबिटीज और प्रेगनेंसी में आने वाली दिक्कतों आदि से भी बचा जा सकता है। माजूफल में एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये समय से पहले आने वाले बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इससे आपकी स्किन टाइट रहती है और आप लंबे समय तक जवां दिख सकते हैं। छोटे बच्चों को अक्सर दस्त की शिकायत रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए माजूफल बहुत उपयोगी है। क्योंकि इसमें एंटी-डायरियल गुण पाए जाते हैं, जो पेट की सभी दिक्कतों को दूर करने में मददगार साबित होते हैं। प्रसव के बाद शरीर को रिकवर करने के लिए माजूफल बहुत फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि इसमें मौजूद न्यूट्रिशन्स महिला की बॉडी को स्ट्रांग बनाते हैं। इससे शरीर का ढीलापन भी खत्म होता है। माजूफल में एंटीमिक्राबियल और एंटी-इंफ्लामेट्री तत्व पाए जाते हैं। इसे काला नमक, नीम पाउडर और बबूल की छाल के साथ मिलाकर दांतों को ब्रश करने से दांत मजबूत होते हैं। इससे मसूड़ों के संक्रमण और रक्तस्राव में राहत मिलती है। जिन लोगों को पेट की दिक्कत रहती है उन्हें माजूफल के पाउडर को 1 ग्राम, अदरक पाउडर 500 मिली ग्राम और साइपरस रोटंडस को 500 मिली ग्राम गर्म पानी के साथ दिन में दो बार पीने से लाभ होगा। इससे गैस्ट्रिक और बदहजमी नहीं होगी। माजूफल में स्किन को रिंकल्स फ्री बनाने के गुण होते हैं। इसलिए रोजाना एक चम्मच इसके पाउडर के सेवन या इसके मास्क का उपयोग करने से त्वचा की टाइटनेस बढ़ती है। इससे रंगत में भी निखार आता है। माजूफल में गैलिक एसिड अच्छी मात्रा होती है। इसलिए रोजाना इसके चाय के सेवन से डायबिटीज से छुटकारा मिलता है। माजूफल को भिगोकर उसके छिलके को बाहर करके उसके बीज को पीस लें। अब उस पेस्ट को मुंह के छालों पर लगाएं। इससे राहत मिलेगी। माजूफल में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अगर प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन किया जाए तो होने वाला बच्चा स्वस्थ और तेज दिमाग वाला पैदा होता है। ये पीरियड्स में भी लाभकारी साबित होता है। इसकी चाय पीने से मासिक धर्म के समय होने वाला दर्द कम होता है।

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