तरबूज है गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सबसे खास फल
तरबूज गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सबसे खास फल है, जो न सिरà¥à¤« पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤à¤¾à¤¤à¤¾ है, बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¥‚ख को à¤à¥€ शांत करता है। तरबूज आकार में बड़ा होता है। यह अंदर से लाल और बाहर से हरा होता है। तरबूज में 90 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पानी होता है। तरबूज मीठा, सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¹à¥€à¤¨ और कड़वे तीनों रूपों में पाया जाता है। इसकी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ के कालाहारी मरà¥à¤¸à¥à¤¥à¤² के आसपास बताया जाता है। कहा जाता है कि तरबूज की पहली फसल मिसà¥à¤° में लगà¤à¤— 5 हजार साल पहले उगाई गई थी। तरबूजों को अकà¥à¤¸à¤° राजाओं की कबà¥à¤°à¥‹à¤‚ में रखा जाता था, ताकि वो जिंदगी के बाद à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पोषित कर सकें। यह फल कई जरूरी पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤¾ है, इसलिठयह शरीर से जà¥à¥œà¥€ कई परेशानियों को दूर करने का काम कर सकता है। तरबूज फाइबर, पोटैशियम, आयरन और विटामिन-à¤, सी व बी से समृदà¥à¤§ होता है, लेकिन इस फल को सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खास इसमें मौजूद लाइकोपीन नामक ततà¥à¤µ बनाता है। यह ततà¥à¤µ à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट की तरह काम करता है और इसी से फल को गहरा लाल रंग मिलता है। कई अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚ ने लाइकोपीन के लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का समरà¥à¤¥à¤¨ किया है। यह ऑकà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥‡à¤‚ट सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤• के जोखिम को कम करने के साथ-साथ रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª के सà¥à¤¤à¤° को à¤à¥€ कम कर सकता है। विटामिन-सी से à¤à¤°à¤ªà¥‚र होने के कारण तरबूज शरीर की रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को मजबूत करता है। इसके अलावा, तरबूज में फाइबर à¤à¥€ पाया जाता है, जो आंतों को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखने का काम करता है। इस खास फल में विटामिन-बी6 à¤à¥€ होता है, जो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को à¤à¤‚टीबॉडी का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करने में मदद करता है। तरबूज में मौजूद विटामिन-ठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है और संकà¥à¤°à¤®à¤£ से बचाता है। à¤à¤• सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवनशैली के लिठइमà¥à¤¯à¥‚न सिसà¥à¤Ÿà¤® का मजबूत रहना बहà¥à¤¤ जरूरी है। इसलिà¤, आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दे सकते हैं।
हृदय सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठतरबूज के फायदे बहà¥à¤¤ हैं। शोध के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° रोजाना तरबूज खाने या इसका जूस पीने से खराब कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² के संचय को रोका जा सकता है। अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° तरबूज के इन हृदय-सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के पीछे तरबूज में पाया जाने वाला साइटà¥à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ नामक पदारà¥à¤¥ है। पाचन कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को सà¥à¤šà¤¾à¤°à¥‚ रूप से चलाने के लिठतरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में पानी की अधिकता होती है और पानी à¤à¥‹à¤œà¤¨ पचाने में सबसे अहम ततà¥à¤µ माना जाता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर à¤à¥€ पाया जाता है, जो पाचन तंतà¥à¤° को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखने के साथ-साथ कबà¥à¤œ, डायरिया व गैस जैसी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से निजात दिलाने का काम करता है। वजन कम करना, तरबूज के सबसे अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ लाà¤à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। तरबूज में कैलोरी की मातà¥à¤°à¤¾ कम होती है, जबकि फाइबर अधिक पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें पानी की मातà¥à¤°à¤¾ अधिक होती है, जो शरीर से विषाकà¥à¤¤ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को बाहर निकालने और वजन कम करने में मदद कर सकता है।तरबूज के à¤à¤• बड़े टà¥à¤•à¥œà¥‡ में लगà¤à¤— 86 कैलोरी, 1 गà¥à¤°à¤¾à¤® से कम वसा व 22 गà¥à¤°à¤¾à¤® कारà¥à¤¬à¥à¤¸ होता है। इसमें कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² नहीं होता है और यह दैनिक फाइबर की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ का 5 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है, जिससे फैट को जलाने और वजन घटाने में सहयोग मिलती है। तरबूज में पानी की अधिकता होती है, इसलिठयह शरीर को हाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ रखने का काम करता है। तरबूज में लाइकोपीन नामक ततà¥à¤µ पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है। à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, लाइकोपीन में कीमो पà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤‚टिव गà¥à¤£ मौजूद होते हैं, जो खासकर पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। à¤à¤• अनà¥à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लाइकोपीन अपने à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट और à¤à¤‚टी इंफà¥à¤²à¥‡à¤®à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से कीमोथेरेपी के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को कम या रोक सकता है। हीट सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤• को लू लगना à¤à¥€ कहते हैं। तरबूज में पानी की मातà¥à¤°à¤¾ अधिक होती है, इसलिठयह शरीर को निरà¥à¤œà¤²à¥€à¤•à¤°à¤£ से बचाने का काम करता है। शरीर में तरल की मातà¥à¤°à¤¾ बनी रहने से हीट सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤• जà¥à¤¯à¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ नहीं डालता है। à¤à¤¨à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ के लिठà¤à¥€ तरबूज खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। à¤à¤¨à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ होने पर शरीर में लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं को कमी हो जाती है। तरबूज आयरन जैसे पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ से समृदà¥à¤§ होता है, इसलिठयह लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, तरबूज में विटामिन-बी12 à¤à¥€ होता है, जो लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं के विकास में मदद करता है।
रेफà¥à¤°à¤¿à¤œà¤°à¥‡à¤Ÿà¤° में à¤à¤• पूरा तरबूज दो सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ तक सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° किया जा सकता है। फल को सावधानीपूरà¥à¤µà¤• रखें। इस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें कि आपके रेफà¥à¤°à¤¿à¤œà¤°à¥‡à¤Ÿà¤° का तापमान 4 डिगà¥à¤°à¥€ सेलà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¸ से नीचे न हो। तरबूज को 50-60 फारेनहाइट रूम तापमान में रखा जा सकता है। अगर आप à¤à¤• बार में तरबूज को पूरा नहीं खाने चाहते हैं, तो बाकी का कटा हà¥à¤† तरबूज किसी कंटेनर में रखकर तीन-चार दिन के लिठफà¥à¤°à¥€à¤œ में सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° कर सकते हैं। कटे हà¥à¤ तरबूज को जलà¥à¤¦à¥€ खाने की कोशिश करें। इसमें कोई दो राय नहीं कि तरबूज à¤à¤• गà¥à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ फल है, लेकिन इसका अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• सेवन कà¥à¤› शारीरिक समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ खड़ी कर सकता है। जैसा कि हमने देखा है, तरबूज के अधिकांश लाà¤à¥‹à¤‚ को लाइकोपीन के लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° ठहराया जा सकता है, लेकिन यह यौगिक कई साइड इफेकà¥à¤Ÿ का कारण à¤à¥€ बन सकता है। अगर फल अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में खाया गया, तो लाइकोपीन के ओवरडोज के चलते मतली, उलà¥à¤Ÿà¥€, अपच और दसà¥à¤¤ लग सकते हैं। तरबूज के अधिक सेवन से हाइपरकलेमिया हो सकता है, जिसमें पोटैशियम का सà¥à¤¤à¤° सामानà¥à¤¯ से अधिक हो जाता है। इससे हृदय संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚, जैसे अनियमित दिल की धड़कन और कमजोर नाड़ी हो सकती है। कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तरबूज से à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ हो सकती है। इसमें हलà¥à¤•à¥‡ से लेकर गंà¤à¥€à¤° चकतà¥à¤¤à¥‡ और चेहरे पर सूजन शामिल हो सकते हैं।
सूरज का खूबसूरत, गà¥à¤£à¤µà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ सूरजमà¥à¤–ी
पीले सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥‡ फूल सदा सूरà¥à¤¯ की दिशा में मà¥à¤– घà¥à¤®à¤¾à¤ à¤à¤• पीली चादर सी फैलाठअपने नाम सूरजमà¥à¤–ी (सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी) को सारà¥à¤¥à¤• बनाते हैं। बड़ी ही सà¥à¤—मता से उगने वाला यह सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¤¾ पà¥à¤·à¥à¤ª दो से चार इंच वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ से लेकर हथेली के आकार में दस इंच वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में उपलबà¥à¤§ होता है। सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी के फूल à¤à¤°à¤ªà¥‚र संखà¥à¤¯à¤¾ में लगातार खिलते रहते हैं। पतली टहनी व पतà¥à¤¤à¥‡ दोनों ही à¤à¤•à¤¦à¤® खà¥à¤°à¤¦à¤°à¥‡ होते हैं, इतने कि फूल तोड़ते समय हाथ à¤à¥€ छिल जाते हैं। बड़ी किसà¥à¤® के सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी के पौधे à¤à¤¾à¥œà¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ न होकर à¤à¤• ही टहनी वाले होते हैं, जिनके ऊपरी à¤à¤¾à¤— में à¤à¤• ही बड़ा-सा फूल अतà¥à¤¯à¤‚त शान से खिला सीधा खड़ा रहता है। परनà¥à¤¤à¥ उसके à¤à¥€ पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व टहनी à¤à¤•à¤¦à¤® खà¥à¤°à¤¦à¤°à¥‡ होते हैं। बड़े फूल में फूलों की पंखà¥à¥œà¥€ केवल इकहरी या दोहरी पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में चारों ओर होती है, जबकि बीच का चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤à¤¾à¤— à¤à¤•à¤¦à¤® काला व बीज से à¤à¤°à¤ªà¥‚र होता है और पकने पर यही बीज बटोर कर तेल निकाला जाता है। सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी के बीज फरवरी के अंत में बो दिठजाते हैं। आजकल संकरण विधि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसमें दà¥à¤¹à¤°à¥€ गà¥à¤‚थी पंखà¥à¥œà¥€ व थोड़ी लालिमा व सफेदी लिठफूल वाली किसà¥à¤® à¤à¥€ आती है। अब ‘हैलीà¤à¤¨à¥à¤¥à¤¸ à¤à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¤¬à¤¿à¤à¤¨à¥à¤¸’, ‘है. डीबेलिस’, ‘है. डीकैपटलिस’, ‘है. à¤à¤¨à¤¸ फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤ªà¥à¤²à¥ˆà¤¨à¥‹’ आदि अनेक किसà¥à¤®à¥‡à¤‚ आ गई हैं। इनमें फूल छोटे गà¥à¤‚थी पंखà¥à¥œà¥€ वाले से लेकर खूब गà¥à¤‚थी पंखà¥à¥œà¥€ वाले बड़े-बड़े मिलते हैं। सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी के फूल की पंखà¥à¥œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ रंग बनाने के काम à¤à¥€ आती हैं। इसकी à¤à¤• किसà¥à¤® ‘येरूशलम आरà¥à¤Ÿà¥€à¤šà¥‹à¤•’ नाम से जानी जाती है, जो à¤à¥‹à¤œà¤¨ के रूप में बहà¥à¤¤ लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। इसके कंद को उबाल कर सूप, कचà¥à¤š व सलाद के रूप में खाया जाता है। सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी के फूल लमà¥à¤¬à¥€ अवधि तक खिलते रहते हैं और उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की शोà¤à¤¾ बनते हैं। फूलदान में à¤à¥€ इसके फूल अचà¥à¤›à¥€ रौनक देते हैं। फूल यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ गंधरहित हैं परनà¥à¤¤à¥ इनका रंग इतना चटक होता है कि फूलदान में लगी दो टहनियां à¤à¥€ कम आकरà¥à¤·à¤• नहीं लगतीं। फूल बहà¥à¤¤ दृॠपà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ वाला होता है। देखà¤à¤¾à¤² की अधिक आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं होती, गरà¥à¤®à¥€ की ऋतॠसे सितमà¥à¤¬à¤°-अकà¥à¤¤à¥‚बर तक इसके फूल लगातार खिलते रहते हैं।
कोचिया की हरियाली गरà¥à¤®à¥€ में देगी सà¥à¤•à¥‚न
गरà¥à¤®à¥€ में तेज धूप जहां आंखों को परेशान करती हैं। वहीं हरियाली आंखों के साथ-साथ दिल-ओ-दिमाग को à¤à¥€ सà¥à¤•à¥‚न पहà¥à¤‚चाती है। जाड़े मेन तो बगीचा रंग बिरंगे फूलों सी गà¥à¤²à¤œà¤¾à¤° रहता है लेकिन गरà¥à¤®à¥€ में बगीचे को हरा-à¤à¤°à¤¾ बनाठरखना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² होता है। à¤à¤¸à¥‡ में कोचिया के हरे à¤à¤¾à¥œà¥€à¤¦à¤¾à¤° पौधे गारà¥à¤¡à¥‡à¤¨ की रौनक बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के साथ-साथ आंखों को à¤à¥€ शीतलता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। इन पौधों को किसी à¤à¥€ नरà¥à¤¸à¤°à¥€ से खरीद कर लगाया जा सकता है। पौधे कà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ के अलावा गमलों में à¤à¥€ लगाठजा सकते हैं। दरअसल कोचिया जिसका वानसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤• नाम बेसिया सà¥à¤•à¥‹à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ है में फूल नहीं आते हैं। इसकी महीन निडिलनà¥à¤®à¤¾ पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पौधे को खà¥à¤¬à¤¸à¥‚रत आकार देती हैं। हालांकि कई लोगों को कोचिया के पौधे के खूबसूरत आकार को देखकर à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि मानों उसे कटिंग कर विशेष आकार दिया गया हो। परंतॠà¤à¤¸à¤¾ नहीं है। दरअसल कोचिया की विशेषता ही उसका आकार है। कोचिया के पौधे आप किसी à¤à¥€ नरà¥à¤¸à¤°à¥€ से ले सकते हैं। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मà¤à¥‹à¤²à¥‡ आकार के गमले में मिटà¥à¤Ÿà¥€, गोबर की खाद, नीम खली का मिशà¥à¤°à¤£ à¤à¤° कर लगा दें। आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° पानी दें। पौधे जून तक गारà¥à¤¡à¥‡à¤¨ में हरियाली बिखेरते रहेंगे।
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