मोहिनी का पवितà¥à¤° पौधा
मोहिनी का पौधा दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ का देशी पौधा है, इस पौधे को दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में à¤à¤• घरेलू पौधे के रूप में जाना जाता है। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग इस पौधे को कà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤²à¤¾ का पौधा के नाम से जानते है। जेड टà¥à¤°à¥€, फà¥à¤°à¥‡à¤‚डशिप टà¥à¤°à¥€, लकी टà¥à¤°à¥€, मनी टà¥à¤°à¥€ और कà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤²à¤¾ ओवाटा आदि सà¤à¥€ मोहिनी के पौधे के अलग अलग नाम है। मोहिनी के पौधे की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मोटी व चिकनी होती है। वैसे तो ये पौधा बहà¥à¤¤ सारे रंगों में आता है, पर वासà¥à¤¤à¥ के हिसाब से गहरा हरा व हरे गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ रंग का पौधा सबसे अचà¥à¤›à¤¾ होता है। बसनà¥à¤¤ ऋतॠके आरंठमें मोहिनी के पौधे पर तारे के आकार के सफेद व गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ रंग के फूल खिलते है जो देखने मे बहà¥à¤¤ सà¥à¤‚दर लगते है। वैसे तो आप मोहिनी के पौधे को अपने घर मे कही à¤à¥€ लगा सकते हो, पर वासà¥à¤¤à¥ के हिसाब से इस पौधे को अपने घर मे अगà¥à¤¨à¤¿ दिशा की और लगाना चाहिà¤, और यदि अगà¥à¤¨à¤¿ दिशा में पौधा रखने व लगाने के लिठकोई जगह नही है तो आप इस को अपने घर के दरवाजे से दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा में à¤à¥€ लगा सकते हो। इस पौधे की कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देखà¤à¤¾à¤² नही करनी पड़ती है। मोहिनी के पौधे को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पानी की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नही होती है, यदि आप इस पौधे में 2 दिन छोड़कर à¤à¥€ पानी देते है तो à¤à¥€ ये पौधा नही सूखेगा। इस पौधे को आप छांव में à¤à¥€ रख सकते है ये पौधा बिना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ धूप के à¤à¥€ पनप जाता है। इस लिठआप इस पौधे को बहà¥à¤¤ ही आसानी से अपने घर मे किसी à¤à¥€ जगह पर लगा सकते है। à¤à¤• बात का पूरा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखे कि मोहिनी के पौधे को कोई पवितà¥à¤° जगह पर ही लगाठव जहाठपर लगाया हà¥à¤† उस जगह को पवितà¥à¤° रखे, अपवितà¥à¤° जगह इस पौधे को बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ पसनà¥à¤¦ नही होती है।
साल टà¥à¤°à¥€ के फायदे à¤à¤µà¤‚ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨
साल टà¥à¤°à¥€ को शाल या साखू à¤à¥€ कहा जाता है। साल टà¥à¤°à¥€ à¤à¤• अरà¥à¤§à¤ªà¤°à¥à¤£à¤ªà¤¾à¤¤à¥€ वृकà¥à¤· है जो हिमालय की तलहटी से लेकर 300 से 400 फà¥à¤Ÿ की ऊंचाई तक पाई जाती है। इसके अलावा, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, बंगाल, बिहार, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड और असम के जंगलों में यह मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से पाया जा सकता है। साल टà¥à¤°à¥€ से रेजिन निकलता है जो अमà¥à¤²à¥€à¤¯ होता है। जिसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² धूप (पूजा सामागà¥à¤°à¥€) और औषधि बनाने के रूप में किया जाता है। इसकी छाल में लाल और काले रंग का पदारà¥à¤¥ पाया जाता है जिसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² रंग बनाने के लिठकिया जा सकता है। इसके अलावा, इस पेड़ का मà¥à¤–à¥à¤¯ तौर पर इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² इसकी लकड़ी के लिठकिया जाता है। इसकी लकड़ी बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मजबूत और à¤à¤¾à¤°à¥€ होती है जिसका मà¥à¤–à¥à¤¯ तौर पर इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² केवल रेलवे लाइन के सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤° बनाने में ही किया जाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤°à¥€ होने की वजह से इसकी लकड़ी बारिश में बहती नहीं है। इसके अलावा, हिंदू धरà¥à¤® की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साल का वृकà¥à¤· à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ को बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® में à¤à¥€ इसे à¤à¤• पवितà¥à¤° वृकà¥à¤· माना जाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि रानी माया ने साल के वृकà¥à¤· के नीचे ही महातà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§ को जनà¥à¤® दिया था। à¤à¤• औषधी के तौर पर इसके इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² की बात करें, तो इसके पेड़ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किठजाने वाले तेल, छाल और पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कई सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ विकारों को दूर करने में किया जा सकता है। मà¥à¤–à¥à¤¯ तौर पर इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤¨ डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¨à¥‡à¤¸ की समसà¥à¤¯à¤¾ दूर करने, कफ और पितà¥à¤¤ को कम करने, घाव को जलà¥à¤¦à¥€ ठीक करने, दरà¥à¤¦ निवारक, योनि संबंधी बीमारियों के उपचार के लिठकिया जा सकता है। साथ ही, इसके इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से मोटापे की समसà¥à¤¯à¤¾ को à¤à¥€ कम किया जा सकता है।
हरा नींबू कà¥à¤¯à¤¾ है?
हरा नींबू à¤à¤• खटà¥à¤Ÿà¤¾ फल है। ये जितना छोटा होता है उतने ही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ इसमें नà¥à¤¯à¥‚टà¥à¤°à¤¿à¤à¤‚टà¥à¤¸ होते हैं। इसके जूस, फल, पील और ऑयल का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² दवाईयों को बनाने के लिठकिया जाता है। कà¥à¤› लोग लाइम ऑयल को सीधा अपनी सà¥à¤•à¤¿à¤¨ पर कीटाणà¥à¤“ं को नषà¥à¤Ÿ करने के लिठऔर मलती का इलाज करने के लिठलगाते हैं। कॉसà¥à¤®à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤¸ में à¤à¥€ इसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है। यूनाइटेड सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट ऑफ à¤à¤—à¥à¤°à¥€à¤•à¤²à¥à¤šà¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, à¤à¤• हरे नीबू में 20 कैलोरी होती है। इसमें 22 मिलीगà¥à¤°à¤¾à¤® कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, 12 मिलीगà¥à¤°à¤¾à¤® फाॅसफोरस, 68 मिलीगà¥à¤°à¤¾à¤® पोटेशियम और 19.5 मिलीगà¥à¤°à¤¾à¤® विटामिन सी होता है। हरे नींबू पानी को डायट में शामिल करने से पाचन में सà¥à¤§à¤¾à¤° होता है। इसमें कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ कंपाउंड होते हैं जो आंतों और गैसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤• जूस का सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है जिससे पाचन में आसानी होती है। साथ ही, इसके रस में मौजूद à¤à¤¸à¤¿à¤¡ à¤à¥‹à¤œà¤¨ को पचाने में à¤à¥€ मदद करता है। इसलिठखाना खाने के बाद नींबू पानी का सेवन सेहत के लिठहितकारी हो सकता है। कई रिसरà¥à¤š के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ये बात सामने आई है कि खटà¥à¤Ÿà¥‡ फलों से कà¥à¤› पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। साल 2015 में हà¥à¤ à¤à¤• शोध के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, मेडिसिन (बालà¥à¤Ÿà¥€à¤®à¥‹à¤°) में खटà¥à¤Ÿà¥‡ फलों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया गया था। इसके सेवन से à¤à¤¸à¥‹à¤«à¥ˆà¤—ल कैंसर के जोखिम को कम होते देखा गया। हालांकि इस पर अà¤à¥€ और शोध होने की जरूरत है। इसको नियमित पीने से बॉडी डिटॉकà¥à¤¸à¤¿à¤«à¤¾à¤ˆ होती है। इसका सीधा असर हमारी तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर चमक के रूप में दिखता है। हरा नींबू में सिटà¥à¤°à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ और विटामिन सी होता है। 2014 में किठगठà¤à¤• शोध के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° विटामिन सी और सिटà¥à¤°à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ किडनी सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ को गलाने के लिठलाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• है। शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· निकाला कि विटामिन सी और सिटà¥à¤°à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ को अपने आहार में शामिल करने से पथरी होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कम होती है।
बालों की लंबाई बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं अलसी के बीज
अलसी के बीज यानी फà¥à¤²à¥ˆà¤•à¥à¤¸à¥€à¤¡à¥à¤¸ ओमेगा ३ फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ का à¤à¤• जबरदसà¥à¤¤ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। ये न सिरà¥à¤« आपका बैड कॉलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² कम करता है, दिल को दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ रखता है और वजन कम करने में मदद करता है, बलà¥à¤•à¤¿ आपके बालों को à¤à¥€ घना और चमकदार बनाता है। इससे बालों की लंबाई बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में à¤à¥€ काफी सहायता मिलती है। बाल à¤à¥œà¤¨à¤¾, सà¥à¤•à¥ˆà¤²à¥à¤ª में खà¥à¤œà¤²à¥€ होना और डैमेज बाल, ये सà¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ ख़राब खान-पान, पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण और केमिकल यà¥à¤•à¥à¤¤ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से जà¥à¥œà¥€ हà¥à¤ˆ हैं। जब बालों की जड़ों को परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ पोषण नहं मिलता तो वो रूखे और बेजान दिखने लगते हैं। à¤à¤¸à¥‡ में अलसी के बीज आपकी काफी मदद कर सकते हैं। ओमेगा ३ à¤à¤¸à¤¿à¤¡ बालों का लचीनापन बà¥à¤¾à¤•à¤° उसे टूटने से बचाते हैं। इससे बाल मजबूत और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होते हैं। वहीं इसमें मौजूद लिगà¥à¤¨à¥ˆà¤¨ में à¤à¤‚टी-इनफà¥à¤²à¥‡à¤®à¤Ÿà¤°à¥€ ततà¥à¤µ होते हैं और ये डैंडà¥à¤°à¤« से बचाव करता है। अलसी के बीज में ढेर सारे मिनरल और विटामिन होते हैं, ख़ासतौर पर विटामिन ई। विटामिन ई बालों के लिठसà¥à¤ªà¤°à¤«à¥‚ड माना जाता है। ये बालों को मजबूत बनाता है और उसकी गà¥à¤°à¥‹à¤¥ à¤à¥€ बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है। इससे बालों को मॉइशà¥à¤šà¤° मिलता है और उनमें चमक आती है। अलसी के बीज à¤à¤¿à¤—ोकर पेसà¥à¤Ÿ बनाकर बालों में लगा, à¤à¤• घंटे उपरांत बाल धो लेने चाहिठऔर बालों को घना, चमकदार और मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® बनाने के लिठरोज à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š अलसी के बीज खाने चाहिà¤à¥¤ इसके अलावा आप इसे अपनी सलाद या अनà¥à¤¯ डिश में à¤à¥€ मिला सकते हैं। अलसी के बीज के पाऊडर को आटे में मिलाकर उसकी रोटी बनाकर खाई जा सकती हैं।
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