गनà¥à¤¨à¥‡ के रस में सà¥à¤µà¤¾à¤¦ के साथ सेहत à¤à¥€
चिलचिलाती गरà¥à¤®à¥€ में सबसे असरदार कà¥à¤› है तो वह है गनà¥à¤¨à¥‡ का जूस। हालांकि गनà¥à¤¨à¥‡ का जूस पीने से पहले यह तय कर लें कि उसमें बरà¥à¤« न मिली हो। साथ ही किसी साफ दà¥à¤•à¤¾à¤¨ से ही गनà¥à¤¨à¥‡ का जूस खरीदें। गनà¥à¤¨à¥‡ के रस में कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, पोटैशियम, आयरन और मैगà¥à¤¨à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤® की मातà¥à¤°à¤¾ इसके सà¥à¤µà¤¾à¤¦ को कà¥à¤·à¤¾à¤°à¥€à¤¯ (खारा) करती है, इस रस में मौजूद यह ततà¥à¤µ हमें कैंसर से बचाते हैं। गनà¥à¤¨à¥‡ में अचà¥à¤›à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में काइबà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸, पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, आयरन, पोटेशियम और à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ डà¥à¤°à¤¿à¤‚क में मिलने वाली सà¤à¥€ जरूरी नà¥à¤¯à¥‚टà¥à¤°à¤¿à¤à¤‚टà¥à¤¸ होते हैं. इसी वजह से à¤à¤• गà¥à¤²à¤¾à¤¸ गनà¥à¤¨à¥‡ का रस आपने शरीर को à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ से à¤à¤° थकान खतà¥à¤® कर देता है। गनà¥à¤¨à¥‡ के रस में पोटैशियम की अधिक मातà¥à¤°à¤¾ होने की वजह से यह शरीर के पाचनतंतà¥à¤° के लिठबहà¥à¤¤ फायदेमंद है। यह रस पाचन सही रखने के साथ-साथ पेट में संकà¥à¤°à¤®à¤£ होने से à¤à¥€ बचाता है। गनà¥à¤¨à¥‡ का रस कबà¥à¤œ की समसà¥à¤¯à¤¾ को à¤à¥€ दूर करता है। यह रस दिल की बीमारियों जैसे दिल के दौरे के लिठà¤à¥€ बचावकारी है। गनà¥à¤¨à¥‡ का रस से शरीर में कॉलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤² और टà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤—à¥à¤²à¤¿à¤¸à¤°à¤¾à¤‡à¤¡ का सà¥à¤¤à¤° गिरता है। इस तरह धमनियों में फैट नहीं जमता और दिल व शरीर के अंगों के बीच खूब का बहाव अचà¥à¤›à¤¾ रहता है। गनà¥à¤¨à¥‡ के रस में अलà¥à¤«à¤¾ हाइडà¥à¤°à¥‰à¤•à¥à¤¸à¥€ à¤à¤¸à¤¿à¤¡ पदारà¥à¤¥ होता है, जो तà¥à¤µà¤šà¤¾ संबंधित परेशानियों को दूर करता है और इसमें कसाव लेकर आता है। गनà¥à¤¨à¥‡ के रस को तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर लगाà¤à¤‚ और सूखने के बाद पानी से धो लें। सदियों से पीलिया से पीड़ित मरीजों को गनà¥à¤¨à¥‡ का रस दिया जाता है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसका जूस पीलिया के कारण लिवर को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करने वाला बिलीरà¥à¤¬à¤¿à¤¨ नामक ततà¥à¤µ (लिवर में पाठजाने वाला à¤à¥‚रे-पीले रंग का दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯, जो लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं के टूटने पर बनता है) को कम करता है, जिससे लिवर धीरे-धीरे मजबूत बनता है। साथ ही यह पेट जलन में à¤à¥€ राहत देता है। बचà¥à¤šà¥‡ हो या बड़े, बà¥à¤–ार से गरà¥à¤® शरीर का तापमान कम करने में गनà¥à¤¨à¥‡ का रस बड़ा फायदेमंद है। यह रस शरीर में पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ की हानि को कम करता है, जिससे बà¥à¤–ार में आराम मिलता है। जलà¥à¤¦à¥€ बीमार पड़ना, हर वकà¥à¤¤ थकान रहना, जरा-सी मेहनत करने से सांस फूलना और शरीर में दरà¥à¤¦ रहने जैसी अगर दिकà¥à¤•à¤¤à¥‡à¤‚ हो तो गनà¥à¤¨à¥‡ का रस जरूर पिà¤à¤‚। यह सारे लकà¥à¤·à¤£ कमजोर इमà¥à¤¯à¥‚न सिसà¥à¤Ÿà¤® के हैं, जिसे गनà¥à¤¨à¥‡ का रस बूसà¥à¤Ÿ कर सकता है।
कà¥à¤¯à¤¾ है गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी
गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी का पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ बॠरहा है और विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ में इसके फायदे à¤à¥€ गिनाठजा रहे हैं, जिसमें वजन घटाना सबसे बड़ा फायदा है। कॉफी के पौधे से हरे रंग के बीजों को लेकर पहले उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‚ना जाता है और फिर पीसकर सामानà¥à¤¯ कॉफी बनाई जाती है। इस पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से कॉफी का रंग हरे से बदलकर हलà¥à¤•à¤¾ या गहरा à¤à¥‚रा हो जाता है और सà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¥€ बॠजाता है, लेकिन कॉफी में मौजूद à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट जैसे गà¥à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ ततà¥à¤µ की मातà¥à¤°à¤¾ कम हो जाती है। वहीं, जब कॉफी के बीजों को बिना à¤à¥à¤¨à¥‡ पीसकर पाउडर बनाया जाता है, तो इसे गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी कहते हैं। à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ इंफारà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨) की वेबसाइट पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ चूहों पर किठगई à¤à¤• रिसरà¥à¤š के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी में à¤à¤‚टीओबेसिटी गà¥à¤£ पाया जाता है। गà¥à¤°à¥€à¤¨ काॅफी के अरà¥à¤• में पाया जाने वाला à¤à¤‚टीओबेसिटी गà¥à¤£ शरीर में वसा के संचय को कम कर मोटापे और बà¥à¤¤à¥‡ वजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह à¤à¤¡à¤¿à¤ªà¥‹à¤œà¥‡à¤¨à¥‡à¤¸à¤¿à¤¸ (वसा कोशिकाà¤à¤‚) और लिपिड चयापचय को à¤à¥€ नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ कर सकता है। बà¥à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² की समसà¥à¤¯à¤¾ आज à¤à¤• आम समसà¥à¤¯à¤¾ हो गई है। गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤Ÿ का उपयोग कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² के सà¥à¤¤à¤° को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। इस शोध को à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ की वेबसाइट पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया है। शोध के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी बीन à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ कà¥à¤² कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² और à¤à¤²à¤¡à¥€à¤à¤²-सी के सà¥à¤¤à¤° को कम कर सकता है। नसीबीआई की वेबसाइट पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ à¤à¤• शोध में जिकà¥à¤° मिलता है कि कॉसà¥à¤®à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤• में गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी ऑयल का उपयोग इसके à¤à¤‚टी-à¤à¤œà¤¿à¤‚ग गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के कारण किया जाता है। यह गà¥à¤£ तà¥à¤µà¤šà¤¾ के लिठफायदेमंद हो सकता है और उमà¥à¤° के साथ होने वाली तà¥à¤µà¤šà¤¾ संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को दूर करने में मददगार हो सकता है। हर किसी को लमà¥à¤¬à¥‡ और मजबूत बालों की चाह होती है। à¤à¤¸à¥‡ में बालों को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखने से लिठगà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ विकलà¥à¤ª हो सकती है। गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी में आयरन और विटामिन-सी जैसे पोषक ततà¥à¤µ पाठजाते हैं। शोध में पाया गया कि ये पोषक ततà¥à¤µ बालों की समसà¥à¤¯à¤¾ को दूर करने के साथ ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मजबूती पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने में फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी का कौन-सा गà¥à¤£ कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ रूप से कारà¥à¤¯ करता है, इस पर और शोध की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। हालांकि इस पर हà¥à¤ शोध यह साबित करते हैं कि गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी तेजी से वजन कम करने में कारगर हो सकती है और इसे पीने वाले लोगों का वजन गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी न पीने वालों की तूलना में 7 से 10 किलो तक कम हो सकता है। इसके अलावा इसमें उचà¥à¤š रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª को कम करने के ततà¥à¤µ à¤à¥€ मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसका सीमित सेवन शायद नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ न पहà¥à¤‚चाà¤, लेकिन थोड़ी à¤à¥€ अधिक मातà¥à¤°à¤¾ लेने पर यह आपको पेट की खराबी या उससे जà¥à¥œà¥€ अनà¥à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 200 से 480 à¤à¤®à¤œà¥€ तक गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी का सेवन किया जा सकता हैं। सिर में दरà¥à¤¦ होना या फिर à¤à¤‚जायटी à¤à¥€ इसके कà¥à¤› नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में शामिल है लेकिन जरूरी नहीं यह बात सà¤à¥€ पर लागू हो। गà¥à¤²à¥‚कोमा, डायबिटीज, हाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤°, इरिटेबल बाउल सिंडà¥à¤°à¥‹à¤®, ऑसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤ªà¥‹à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸, बà¥à¤²à¥€à¤¡à¤¿à¤‚ग डिसऑरà¥à¤¡à¤°à¥à¤¸ आदि समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से जूठरहे लोगों में यह नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤¯à¤• साबित हो सकती है जिसकी असली वजह इसमें मौजूद कैफीन है। गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी बनाने के लिठसबसे पहले गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी बीनà¥à¤¸ को रातà¤à¤° के लिठपानी में डालकर रख दें। अगली सà¥à¤¬à¤¹ बीजों सहित पानी को करीब 15 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें। इससे बीजों का हरा रंग पानी में आ जाà¤à¤—ा। अब पानी को उतार लें और छान लें। जब पानी सामानà¥à¤¯ हो जाà¤, तो उसे पिà¤à¤‚। यह सबसे अचà¥à¤›à¤¾ गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी पीने का तरीका हो सकता है। चाहें तो à¤à¤• पाउच गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी के पाउडर को à¤à¤• कप गरà¥à¤® पानी में घोलकर à¤à¥€ गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी बना सकते हैं। गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी में चीनी या शहद का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— न ही करें, तो गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी पीने का तरीका बेहतर हो सकता है। साथ ही इसमें दूध à¤à¥€ न मिलाà¤à¤‚। इसे à¤à¤¸à¥‡ ही पिà¤à¤‚ और दिनà¤à¤° में अधिक से अधिक दो कप का ही सेवन करें। साथ ही गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ व सà¥à¤¤à¤¨à¤ªà¤¾à¤¨ कराने वाली महिलाओं और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को गà¥à¤°à¥€à¤¨ कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिà¤à¥¤
गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का खजाना है मौसंबी
मौसंबी न सिरà¥à¤« à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ फल है, बलà¥à¤•à¤¿ यह पौषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र à¤à¥€ है। मौसंबी में विटामिन-à¤, सी, कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ, फासà¥à¤«à¥‹à¤°à¤¸, पोटैशियम, फोलेट आदि होते हैं। वहीं, मौसंबी में à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट, à¤à¤‚टीबैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤², à¤à¤‚टीफंगल, à¤à¤‚टीटà¥à¤¯à¥‚मर, à¤à¤‚टीडायबिटिक, à¤à¤‚टी-अलà¥à¤¸à¤° जैसे कई गà¥à¤£ हैं। वजन कम करने के लिठडाइट और सही à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ के साथ मौसमà¥à¤¬à¥€ के जूस का सेवन लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ हो सकता है। कम कैलोरी और कम फैट यà¥à¤•à¥à¤¤ होने की वजह से मौसमà¥à¤¬à¥€ के जूस को वजन कम करने में सहायक माना जाता है। कबà¥à¤œ की समसà¥à¤¯à¤¾ किसी को à¤à¥€ हो सकती है। à¤à¤¸à¥‡ में खान-पान पर थोड़ा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देकर इससे कà¥à¤› हद तक राहत मिल सकती है। डाइट में मौसंबी को शामिल करना à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ विकलà¥à¤ª हो सकता है। इसमें मौजूद à¤à¤¸à¤¿à¤¡ आंतों से टॉकà¥à¤¸à¤¿à¤¨ निकालकर कबà¥à¤œ से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। साथ ही इसमें फाइबर à¤à¥€ होता है, जिसे कबà¥à¤œ को दूर करने के लिठउपयोगी माना जाता है। सà¥à¤•à¤°à¥à¤µà¥€ विटामिन-सी की कमी से होने वाली बीमारी है। इसमें वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को खून की कमी, मसूड़ों से संबंधित समसà¥à¤¯à¤¾ और कमजोरी हो सकती है। इससे बचाव के लिठविटामिन-सी यà¥à¤•à¥à¤¤ मौसमà¥à¤¬à¥€ और इसके जूस का सेवन लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ हो सकता है। सà¥à¤•à¤°à¥à¤µà¥€ से होने वाली मसूड़ों की समसà¥à¤¯à¤¾ से बचाव के लिठमौसंबी के रस में थोड़ा-सा पानी और काला नमक मिलाकर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ मसूड़ों पर लगाने से राहत मिल सकती है। जब पेट में à¤à¤¸à¤¿à¤¡ की मातà¥à¤°à¤¾ बॠजाती है, तो वह आंतों पर घाव करने लग सकता है, जिसका नतीजा पेपà¥à¤Ÿà¤¿à¤• अलà¥à¤¸à¤° हो सकता है। मौसमà¥à¤¬à¥€ में à¤à¤‚टी-अलà¥à¤¸à¤° गà¥à¤£ होता है, जो अलà¥à¤¸à¤° से बचाव कर सकता है। साथ ही मौसमà¥à¤¬à¥€ के जूस में मौजूद à¤à¤¸à¤¿à¤¡ पेट में अलà¥à¤•à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ रिà¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ करके à¤à¤¸à¤¿à¤¡ को खतà¥à¤® करने में मदद करता है, जिससे पेपà¥à¤Ÿà¤¿à¤• अलà¥à¤¸à¤° के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से राहत मिल सकती है। पाचन तंतà¥à¤° को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखने में मौसमà¥à¤¬à¥€ और इसका जूस को सहायक माना जाता है। इसकी मीठी खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ के कारण मà¥à¤‚ह की लार गà¥à¤°à¤‚थियों से लार निकलने लगती है, जो पाचन में सहायता हो सकता है। साथ ही इसमें मौजूद फà¥à¤²à¥‡à¤µà¥‹à¤¨à¥‰à¤‡à¤¡à¥à¤¸ पितà¥à¤¤, डाइजेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µ जूस और à¤à¤¸à¤¿à¤¡ का सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ बà¥à¤¾à¤•à¤° पाचन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करने में सहायक हो सकते हैं। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, मौसमà¥à¤¬à¥€ के जूस के सेवन से पेट की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं, अपच, मतली जैसी परेशानियों से बचाव हो सकता है। मौसमà¥à¤¬à¥€ के फायदे में रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करना à¤à¥€ शामिल है। दरअसल, मौसमà¥à¤¬à¥€ में डी-लिमोनेन ततà¥à¤µ होता है, जो इमà¥à¤¯à¥‚न पावर में सà¥à¤§à¤¾à¤° कर सकता है। इसके अलावा, मौसमà¥à¤¬à¥€ जूस के नियमित सेवन से शरीर का बà¥à¤²à¤¡ सरà¥à¤•à¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ बेहतर होता है, जिससे हृदय सही तरीके से कारà¥à¤¯ करता है। इसके परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° हो सकता है। गरà¥à¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के लिठà¤à¥€ मौसमà¥à¤¬à¥€ à¤à¤• पौषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ फल माना जाता है। मौसमà¥à¤¬à¥€ के जूस में à¤à¤‚टी-हाइपरलिपिडेमिक यानी हाई कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² को कम करने वाला पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होता है। इसी वजह से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ मौसंबी का सेवन करने से शरीर में कॉलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤² का सà¥à¤¤à¤° नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ रह सकता है। मौसंबी का जूस शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसमें पानी की अचà¥à¤›à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ होती है। साथ ही इसमें कई विटामिनà¥à¤¸ और मिनरलà¥à¤¸ à¤à¥€ होते हैं, जो शरीर को पोषण पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर सकते हैं। लू लगने पर या शरीर में पानी की कमी (डिहाइडà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨) होने पर मौसंबी के जूस का सेवन किया जा सकता है। यह न सिरà¥à¤« सेहत के लिठबलà¥à¤•à¤¿ तà¥à¤µà¤šà¤¾ के लिठà¤à¥€ लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी तà¥à¤µà¤šà¤¾ की रंगत में निखार ला सकता है।
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